राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणित और भड़काऊ भाषणों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 (दिन के लिए कार्य स्थगित) के तहत नोटिस दिया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि नफरत और कट्टरता फैलाने वाले अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए।
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उन्होंने हाल ही में दिल्ली में यति नरसिंहानंद की अभद्र और भड़काऊ भाषा और पत्रकारों पर कथित हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में एक विवादास्पद तथाकथित साधु ने भाग लिया था, जो हरिद्वार में भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत पर है।
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खड़गे ने कहा, "इसी व्यक्ति ने फिर से भड़काऊ भाषण दिए, हिंदुओं से हथियार उठाने का आग्रह किया और दावा किया कि अगर 'मुसलमान को प्रधानमंत्री' बनाया गया तो धर्मांतरण का सामना करना पड़ेगा।"
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विपक्ष के नेता ने सदन में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की अनुमति मांगी, हालांकि, सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी। खड़गे ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कट्टरपंथी संगठनों ने दिल्ली, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कई अन्य स्थानों पर इस तरह के कई भड़काऊ भाषण दिए हैं।
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उन्होंने कहा कि पिछले साल जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां नरसिंहानंद ने मुस्लिम विरोधी नारे लगाए थे।
दिल्ली में हाल ही में हिंदू महापंचायत का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा, "पत्रकारों पर इस तरह का कायराना हमला और उन्हें धार्मिक गालियां देना बेहद निंदनीय है और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। गृह मंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे समाज में नफरत और कट्टरता फैलाने वाले अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए और ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे समाज में इस तरह की धार्मिक नफरत को फैलने से रोका जाय।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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