राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई। पंरपरा है कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अभिभाषण को राष्ट्रपति पढ़ते हैं। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने महिलाओं के लिए सरकार की नीति, तीन तलाक बिल, सामाजिक न्याय और किसानों के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने अभिभाषण में विधानासभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है, सभी पुरानी योजनाओं का ही जिक्र किया गया है। खड़गे ने कहा कि पुरानी शराब को नया लेबल लगाकर सरकार ने पेश किया है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में बहस के लिए समय ही नहीं मिलेगा, क्योंकि सरकार इस सत्र में कई बिलों को पेश कर रही है।
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राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 में जीडीपी ग्रोथ 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमत सरकार के लिए चिंता का विषय है। रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि सरकार निजी निवेश में तेजी लाने पर फोकस कर रही है। साथ ही आगे रोजगार, कृषि और शिक्षा पर फोकस रहेगा। संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। संसद में 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होगा।
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