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प्रफुल्ल पटेल को मंत्री बनने का इंतजार, छगन भुजबल नहीं बने राज्यसभा उम्मीदवार, अजित पवार की पार्टी में चल क्या रहा है?

इससे पहले भुजबल नासिक सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन एनसीपी की गठबंधन सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। इस सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने जीत हासिल की है।

फोटो:  पीटीआई
फोटो: पीटीआई -

चाचा की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर कब्जे जमाने वाले अजित पवार की पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए सरकार की सहयोगी एनसीपी को पहले केंद्र में मनपसंद मंत्रालय नहीं मिला। इसके बाद भी एक सांसद मंत्री बनने को तैयार थे लेकिन उन्हें बनने नहीं दिया गया। दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल अपने सीनियरिटी के हिसाब से मंत्रालय चाह रहे थे, लेकिन उनकी पसंद पूरी नहीं हुई। हालांकि एनसीपी सांसद  सुनील तटकरे बतौर राज्यमंत्री ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने को तैयार थे। 
लेकिन प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें रोक लिया।

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अब राज्यसभा भेजने के मुद्दे पर भी पार्टी में मतभेद की खबरें हैं। एनसीपी की तरफ से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजा जाना तय हुआ है। उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन भी भर दिया है। लेकिन पार्टी के इस फैसले पर एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल नाराज दिख रहे हैं। सुनेत्रा को राज्यसभा भेजने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए छगन भुजबल ने कहा है कि वे निश्चित रूप से राज्यसभा जाने के लिए उत्सुक थे। हालांकि अब पार्टी ने 'सर्वसहमति' से सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया गया है।

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बता दें कि सुनेत्रा पवार बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा का चुनाव हार चुकी हैं। एनसीपी को लोकसभा चुनाव में करारा झटका लगा। पार्टी का सिर्फ एक उम्मीदवार का ही सांसद बनने का सपना पूरा हो सका। ये जीत हासिल की सुनील तटकरे को। ऐसे में पार्टी को केंद्र में सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ऑफर किया गया। जिसे प्रफुल्ल पटेल ने मना कर दिया। एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने अपनी सीनियरिटी का हवाला देते हुए कहा कि वह पूर्व में भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं ऐसे में राज्यमंत्री का पद लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि राज्यमंत्री बनना मेरे लिए डिमोशन जैसा होगा। 

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इधर, राज्यसभा पर छगन भुजबल अपना हिस्सा चाहते थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि हालांकि वह चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन वह सुनेत्रा पवार के नामांकन से नाराज नहीं हैं। उन्होंने इस कदम को सामूहिक निर्णय बताया।

एनसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने कहा, ‘‘एनसीपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है। यहां तक कि मैं भी चुनाव लड़ने को इच्छुक था, लेकिन बुधवार शाम एक बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने उनका नाम तय कर दिया।’’

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 इससे पहले भुजबल नासिक सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन एनसीपी की गठबंधन सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। इस सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने जीत हासिल की है।

 हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार को बारामती निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था। पवार को उनकी ननद सुप्रिया सुले ने पराजित किया था। पवार को पराजित कर सुले ने इस संसदीय क्षेत्र से लगातार चौथी जीत दर्ज की।

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