कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवैये पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सवाल उठाए हैं। ममता ने कहा है कि, मैं ये देखकर दुखी हूं कि पुलवामा में गंभीर हादसे के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी सरकारी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें सरकारी कार्यक्रमों को टालना चाहिए।
ममता ने सवाल किया, "क्या केवल राजनेताओं की मौत पर ही शोक मनाया जाएगा? मैं 72 घंटों के शोक की मांग करती हूं। आखिर केंद्र की ओर से तीन दिन का शोक क्यों नहीं घोषित किया गया?”
ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हम इस घटना के साथ किसी भी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते। इसी वजह से हमने कुछ नहीं कहा। न सिर्फ हम (तृणमूल) बल्कि विपक्ष की किसी पार्टी के नेता ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा। हम सभी देशवासियों के साथ हैं। लेकिन हमें यह जानने का अधिकार है कि वास्तव में हुआ क्या है? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्या कर रहे थे? हमले के पहले हमें किसी तरह की कोई जानकारी क्यों नहीं मिली? आखिर इतने जवान क्यों मारे गए? यह सवाल लोगों के हैं, केवल मेरे नहीं।”
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। पवार ने कहा, "मुझे याद है कि प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आने से पहले चुनावी रैलियों में कहा करते थे कि मनमोहन सरकार आतंकी हमलों के बाद भी पाकिस्तान को सबक सिखाने में नाकाम रही। मोदी कहा करते थे कि मनमोहन सिंह सरकार में वो योग्यता ही नहीं है कि वे पाकिस्तान को सबक सीखा सके। यह काम तो कोई 56 इंच के सीने वाला शासक ही कर सकता है। मगर अब तो सभी ने देखा है कि क्या हो गया? लेकिन मैं आज वही मांग नहीं करूंगा, जो मोदी ने उस वक्त की थी।”
बता दें कि मोदी ने पुलवामा हमले के एक दिन बाद यानी शुक्रवार को उप्र के झांसी में डिफेंस कॉरिडोर समेत कई योजनाओं का शिलान्यास किया था। उन्होंने दिल्ली से बनारस के लिए चलने वाली ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को हरी झंडी भी दिखाई थी। प्रधानमंत्री ने शनिवार को महाराष्ट्र के यावतमल में कई योजनाओं की शुरुआत की।
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