कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 8 सालों में अपने हथकंडों और कारनामों से न सिर्फ अपनी बल्कि रुपए की साख को भी दो कौड़ी का बनाकर रख दिया है। श्रीनेत ने कहा कि इतिहास में पहली बार है जब रुपया एक डॉलर के मुकाबले 81 के पार पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि लग रहा है मोदी जी पेट्रोल की तरह यहां भी शतक लगाने के लिए बेताब हैं।
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?'' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "मोदी जी की असीम अनुकम्पा से रुपया निरंतर कमजोर होते हुए इतिहास में सबसे कमज़ोर बन गया है- और जो गिरती साख की बात करते थे, ना जाने किस गड्ढे में गोता खा रही आबरू को अब ढूंढ ही नहीं पा रहे हैं"
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सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया के सामने रुपया को लेकर कुछ आंकड़े भी रखे। उन्होंने बताया ठीक एक साल पहले, सितम्बर 2021 में 1 डालर के मुक़ाबले रुपए का मूल्य 73 था जो अब 81.47 हो गया है। श्रीनेत ने तंज कसते हुए कहा कि इसका मतलब 12 महीने में प्रधानमंत्री की आबरू 12% से ज़्यादा गिर गई है।
सुप्रिया श्रीनेत आगे कहा कि, 26 मई 2014 को जब मोदी जी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तब 1 डालर के मुक़ाबले रूपए का मूल्य 58.62 था। वहीं अब 81 को पार कर गया है। मतलब पीएम मोदी के आठ साल के कार्यकाल रुपए का मूल्य 41.5% गिरा है।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने मनमोहन सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि, बीजेपी नेता रुपया के गिरने पर बहुत हंगामा करते थे, लेकिन अब बोलती बंद है। उन्होंने कहा कि यूपीए-2 के टाइम में जून 2013 में रुपया 15% गिर कर 1 डालर के मुक़ाबले 58 से 69 पर पहुँचा था, लेकिन 4 महीने के अंदर रुपया को मज़बूत करके वापस 58 पर ले आया गया था।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रुपया के कमजोर होने का असर आम जनता पर पड़ता है और इसकी वजह से मंहगाई भी बढ़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पानी की तरह पैसा बहाने के बावजूद रुपए को स्थिर करने में नाकाम है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर भी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ठीक एक साल पहले सितम्बर 2021 में 642 अरब डालर था, अब 545.65 अरब डालर है। सिर्फ 1 महीने पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 571 अरब डालर था जो अब 545 अरब डालर पर आ गिरा है। उन्होंने कहा कि 82 की तरफ़ लुढ़कते रुपए और सरकार की विफलताओं के बचाव में 2013 में रुपए की गिरावट पर बड़ी चर्चा होती है, पर असलियत यह है कि 2013 में तो अंतर्राष्ट्रीय कारण और भी भयावह थे- और तब कांग्रेस सरकार ने रुपए को मज़बूत करके ही दम लिया था। लेकिन मोदी सरकार रुपये को गिरने से रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
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