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'PM मोदी ने अनुराग ठाकुर के एससी, एसटी और ओबीसी के अपमान वाले भाषण का समर्थन किया', विपक्ष ने साधा निशाना

गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उस भाषण की सराहना की जिसमें दलितों, ओबीसी और आदिवासियों का अपमान किया गया था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

विपक्षी दलों ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अनुराग ठाकुर ने बजट पर चर्चा के दौरान जो टिप्पणियां की वह दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गो का अपमान है।

मुख्य विपक्षी दल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय विशेषाधिकार के हनन को बढ़ावा दिया है। बता दें कि ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा था, ‘‘जिसकी जाति का पता नहीं, वह जाति जनगणना की बात करता है।’’

कांग्रेस सदस्यों ने इसको लेकर गहरी आपत्ति जताई तथा सदन में पुरजोर हंगामा हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उनका अपमान किया है। ठाकुर की यह टिप्पणी अभी भी कार्यवाही का हिस्सा है, हालांकि उनके भाषण के कुछ अन्य अंश हटा दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में दिये गए अनुराग ठाकुर के इस भाषण की मंगलवार को सराहना की थी और कहा था कि इसे अवश्य सुना जाना चाहिए।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह भाषण जिसे नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ‘अवश्य सुनने’ वाला बता रहे हैं, इसमें इनके सांसद ने बेहद ही अपमानजनक, असंवैधानिक और निंदनीय बातें कही हैं। इसका वीडियो साझा करके प्रधानमंत्री ने संसदीय विशेषाधिकार के घोर उल्लंघन को बढ़ावा दिया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक सांसद और विपक्ष के नेता से उनकी जाति पूछकर संसदीय संवाद एवं चर्चा के स्तर को और नीचे गिरा दिया है।

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रमेश ने कहा, ‘‘विपक्ष के विरोध पर सभापति जगदंबिका पाल ने आश्वासन दिया कि भाषण के उन अंशों को हटा दिया जाएगा। संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटाए गए भाषण के अंश को संपादित और अपलोड किया जाता है। संसद टीवी ने गैर-संपादित भाषण अपलोड किया और नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने इसे सार्वजनिक रूप से शेयर करते हुए इसकी तारीफ की है।’’

उन्होंने दावा किया कि यह भारत के संसदीय इतिहास में एक नई और शर्मनाक गिरावट है तथा यह बीजेपी, आरएसएस और नरेंद्र मोदी के, गहरी जड़ें जमा चुके जातिवाद को दर्शाता है।

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लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि जाति जनगणना के संबंध में बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेताओं द्वारा की गई ‘‘असंवेदनशील’’ टिप्पणियों के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों बुधवार को सदन के अंदर विरोध प्रदर्शन किया।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जानते हैं कि जाति जनगणना एक बहुत ही भावनात्मक मुद्दा है और भारत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के कई लोग जाति जनगणना चाहते हैं, लेकिन संसद में बीजेपी ने उनकी मांग का मजाक उड़ाया। संसद में बीजेपी द्वारा उनका अपमान किया गया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खुद प्रधानमंत्री ने ठाकुर के भाषण का वीडियो साझा कर उस भाषण की प्रशंसा की।’’

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गोगोई ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उस भाषण की सराहना की जिसमें दलितों, ओबीसी और आदिवासियों का अपमान किया गया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पार्टी कहती रही है कि बीजेपी के लोगों के दिल में एससी, एसटी, ओबीसी और मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संसद में उनका अपमान किया जा रहा है। हम लगातार जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और सरकार लगातार इससे इनकार कर रही है। इस सरकार के तहत आरक्षण से इनकार किया जा रहा है।’’

ठाकुर की टिप्पणी को लेकर यादव ने कहा, ‘‘हम इसकी निंदा करते हैं और इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे।’’

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राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि ठाकुर ने अपनी सामंती मानसिकता का सबूत दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि राहुल गांधी, तेजस्वी की जाति क्या है, बल्कि सवाल जाति जनगणना का है। भाषण को दोबारा ट्वीट करके प्रधानमंत्री ने दिखाया है कि वह ‘भैंस, मंगलसूत्र और मुजरा’ से ऊपर नहीं उठ सकते।’’’

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ठाकुर की आलोचना की और कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री इस तरह की टिप्पणियों का समर्थन करेंगे।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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