आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए दो दिन के पूर्वांचल दौरे पर आजमगढ़ पहुंचे पीएम मोदी ने प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के एनकाउंटर राज पर अपनी मुहर लगा दी है। अपने भाषण में उन्होंने सीएम योगी की जमकर तारीफ की और राज्य में हो रहे अपराधियों के एनकाउंटर और पुलिस सुरक्षा में सरकार के नाक के नीचे जेलों के अंदर होने वाली हत्याओं के लिए खुले मंच से सीएम योगी की सराहना की। आजमगढ़ में 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार में आज बड़े-बड़े अपराधियों की क्या हालत है, ये सबको पता है। पीएम ने हंसते हुए इशारों-इशारों में कहा, “बसड़े-बड़े अपराधियों की आज क्या हालत है, आप सब को पता है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपराध और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाकर यूपी के विकास के लिए निवेश लाने का काम किया है।” माना जा रहा है कि पीएम का इशारा हाल ही में बागपत जेल के अंदर माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हुई हत्या की तरफ था।
Published: 14 Jul 2018, 7:35 PM IST
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार आने के बाद से अचानक से प्रदेश में एनकाउंटर की बाढ़ सी आ गई। पुलिस द्वारा किये जाने वाले इन एनकाउंटर और उनके तरीकों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और इन्हें फर्जी बताया जा रहा है। यूपी पुलिस के अनुसार जून 2018 तक प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर के करीब 2174 मामलों में 61 लोगों की मौत हुई है, जबकि 534 लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। वहीं इन एनकाउंटर में 5222 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश में आए दिन हो रहे मुठभेड़ की घटनाओं पर सवाल उठाते हुए पीयूसीएल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका की है, जिसपर शीर्ष कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
प्रदेश में होने वाली पुलिस मुठभेड़ की कई घटनाओं की जांच करने वाले रिहाई मंच के राजीव यादव ने आजमगढ़ में पीएम मोदी के दिये भाषण को फर्जी मुठभेड़ के आपराधिक कृत्य में लिप्त पुलिस का मनोबल बढ़ाने वाला करार दिया है। राजीव यादव ने कहा, “पीएम का प्रदेश से अपराधियों के सफाये की बात करना, आंख में धूल झोंकने जैसा है। उन्हें सबसे पहले ये बताना चाहिए कि हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा करने, सांप्रदायिक दंगा कराने और नफरत भरे भाषण देने का मुकदमा जिस योगी आदित्यनाथ पर दर्ज है, उन्हें कैसे उन्होंने सीएम पद पर बैठा रखा है।” राजीव यादव ने कहा कि प्रदेश में मुठभेड़ की आड़ में बीजेपी की सरकार ओबीसी, दलितों और मुसलमानों को विशेष तौर पर निशाना बना रही है। इन मामलों में मारे गए या घायल हुए ज्यादातर कथित अपराधी इन्हीं समुदाय से आते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में आजमगढ़ में कथित मुठभेड़ में मारे गए मुकेश राजभर, जयहिंद यादव और रामजी पासी और पैर में गोली लगने से घायल हुए पंकज यादव के मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कर रहा है। आजमगढ़ में अब तक कथित मुठभेड़ में 6 लोगों की हत्या हो चुकी है और 37 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इसके अलावा प्रदेश में अपराधिक गैंगों के बीच गैंगवार में भी हत्याओं में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में बागपत जिला जेल के अंदर पूर्वांचल के ही अपराधी माने जाने वाले बाबू बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दिनदहाड़े जेल के अंदर अतिसुरक्षा वाले क्षेत्र में बाहर से हथियार पहुंचने और उससे हत्या किये जाने को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में सवाल उठने लाजिम हैं कि क्या प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठकर मोदी संदिग्ध एनकाउंटरों और हत्याओं को जायज नहीं ठहरा रहे हैं। क्या पीएम के कहने का मतलब यह है कि अपराधियों की हत्याएं करना जायज हैं? लेकिन भारत का कानून तो कुछ और कहता है। ऐसे में गंभीर सवाल ये खड़ा होता है कि क्या पीएम के इस तरह से हत्याओं का समर्थन करने से फर्जी एनकाउंटर, गैंगवार, हत्याओं और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा नहीं मिलेगा। क्यों एक प्रकार से पीएम खुले मंच से इसे जायज ठहरा रहे हैं।
आपको बता दें कि शनिवार को आजमगढ़ पहुंचे पीएम ने 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। इसके बाद उन्होंने वहां एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी से की। पीएम के इस पूर्वांचल दौरे को 2019 के चुनावी अभियान की शुरुआत माना जा रहा है।
Published: 14 Jul 2018, 7:35 PM IST
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Published: 14 Jul 2018, 7:35 PM IST