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दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लगा एक और झटका, एफएटीएफ ने किया ब्लैक लिस्ट

पाकिस्तान को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टाक्स फोर्स (एफएटीएफ) की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने उसे ‘काली सूची में’ डाल दिया है। अभी तक पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में शामिल था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान को एफएटीएफ एशिया-पैसिफिक ग्रुप ब्लैक लिस्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के मानकों को पूरा करने में विफल रहा है, जिसके बाद उस पर यह कार्रवाई होगी। एपीजी की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपने कानूनी और वित्तीय प्रणालियों के लिए 40 मानकों में से 32 को पूरा करने में विफल रहा है। इसके अलावा टेरर फंडिंग के खिलाफ सुरक्षा उपायों के लिए 11 मापदंडों में से 10 को पूरा करने में पाकिस्तान विफल साबित हुआ है।

Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

खबरों के मुताबिक, पाक एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के 10 मानकों को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है। अब पाकिस्तान अक्टूबर में ब्लैक लिस्ट हो सकता है, क्योंकि एफएटीएफ की 27-पॉइंट एक्शन प्लान की 15 महीने की समयावधि इसी साल अक्टूबर में खत्म हो रही है।

Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

इस संबंध में एपीजी को दिखा कि इस्लामाबाद की ओर से कई मोर्चों पर खामियां हैं। साथ ही उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में खामियां पाई। एपीजी ने यह भी पाया कि पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई समर्थन नहीं मिला।

Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

बता दें कि एफएटीएफ का एशिया पेसिफिक ग्रुप (एपीजी) एक अंतर सरकारी संगठन है जो क्षेत्र में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखता है। इस समूह में 41 सदस्य देश हैं। यह संस्था यह सुनिश्चित करती है कि सदस्य देश मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और व्यापक तबाही के हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए तय अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपने यहां प्रभावी तरीके से लागू करें।

Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

बता दें कि एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट होने के बाद पाकिस्तान को अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे आईएमएफ आदि से कर्ज और अन्य संस्थागत मदद लेने के लिए काफी दिक्कतों का सामाना करना पड़ सकता है। वहीं विदेशी निवेश पाने में भी इससे अड़चन आएगी। ऐसे में पहले ही खराब आर्थिक हालात से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए यह बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।

फिलहाल, पाकिस्तान अभी वैश्विक संस्था के 'ग्रे लिस्ट' में मौजूद है। संस्था ने 11 बिंदुओं पर पाकिस्तान से जवाब मांगे थे इनमें से 10 बिंदुओं पर उसकी रेटिंग काफी खराब है जबकि एक मानक पर उसे थोड़ी राहत मिली है।

इसे भी पढ़ें: ‘70 साल में सबसे खराब स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था,नोटबंदी-जीएसटी से और बिगड़े हालात’

Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

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Published: 23 Aug 2019, 12:59 PM IST

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