जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास देखे गए एक पाकिस्तानी ड्रोन पर सेना के जवानों ने मंगलवार को गोलियां चलाई। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन को एलओसी के आसपास मंडराते देखा गया, जिसके बाद जवानों ने खतरे को बेअसर करने के प्रयास में फायरिंग की।
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अधिकारियों ने कहा, "ड्रोन का पता लगाने और किसी भी संभावित खतरे का आकलन करने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।"
बता दें कि पिछले पांच सालों में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के लिए पाकिस्तानी सेना के सहयोग से हथियारों और नकदी की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। ये ड्रोन आमतौर पर जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ मैदानी इलाकों में दुश्मन द्वारा संचालित किए जाते हैं।
हाल ही में, पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए हैं। ऐसे मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का इस्तेमाल हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नकदी के सुविधाजनक पेलोड ले जाने के लिए किया जाता है, जिन्हें सीमा के भारतीय हिस्से में सक्रिय आतंकवादी या उनके ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) उठा लेते हैं।
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उल्लेखनीय है कि ओजीडब्ल्यू आतंकवादियों की आंख और कान की तरह काम करते हैं और उन्हें रसद सहायता प्रदान करते हैं। इसमें भोजन, आश्रय, सुरक्षा बलों के खिलाफ निगरानी और यहां तक कि हथियारों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना भी शामिल है।
ओजीडब्ल्यू सामान्य नागरिक होते हैं, जिनके पास कोई हथियार नहीं होता। आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में सेना और सुरक्षा बल ओजीडब्ल्यू को केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा और कानून का पालन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए संभावित खतरे के रूप में देखते हैं। अक्सर व्यक्तिगत बदला लेने के लिए ओजीडब्ल्यू को आतंकवादियों को नागरिकों को धमकाने और यहां तक कि उन्हें मारने के लिए उकसाते हुए देखा गया है। मारे जाने वालों में वो होते हैं जिन्हें ओजीडब्ल्यू 'सुरक्षा बलों का मुखबिर' मानते हैं।
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सितंबर में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियार बरामद किए थे। अधिकारियों ने बताया था कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पुलिस के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के रामगढ़ सेक्टर में तीन पिस्तौल बरामद की थीं, जिनके बारे में कहा गया कि इन्हें ड्रोन द्वारा ड्रॉप किया गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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