जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान के दो लोगों ने अब लाहौर में स्थित महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की है। हालांकि दोनों आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उन पर ईश निंदा कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपी जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने को लेकर बौखलाए हुए थे।
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दरअसल 27 जून 2019 को महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि के मौके पर लाहौर किले में माई जिंदियन हवेली के बाहर खुली जगह में उनकी प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था। महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा 8 फीट ऊंची है, जिसे पूरा बनने में आठ महीने का समय लगा था। प्रतिमा के अनावरण के लिए पाकिस्तान ने 400 से ज्यादा सिख श्रद्धालुओं को 27 जून से 6 जुलाई के लिए वीजा जारी किया था।
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13 नवंबर 1780 को पाकिस्तान में जन्में महाराजा रणजीत सिंह सिखों के कई बड़े महाराजाओं में से एक थे, जिन्होंने पंजाब पर करीब 40 साल तक राज किया था। पंजाब पर शासन करते हुए महाराजा रणजीत ने अपने जीते जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के आस-पास भी नहीं भटकने दिया था। महाराजा रणजीत सिंह के बचपन में किसी बीमारी की वजह से उनकी एक आंख की रौशनी चली गई थी। रणजीत सिंह कहते थे कि भगवान ने उन्हें एक ही आंख दी है, इसीलिए उन्हें सभी धर्मों और जातियों के लोग एक सामान नजर आते हैं।
खुद पढ़े लिखे न होने पर भी उन्होंने अपने राज्य में पढ़ाई लिखाई को बढ़ावा दिया। रणजीत सिंह द्वारा कायम की गयी कानून व्यवस्था में किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई।
महाराजा रणजीत सिंह ने हिन्दू मुस्लिम सिख धर्म में करीब 20 बार शादी की थी। उनकी पत्नियों में महारानी जिंदियन उनकी पसंदीदा थीं। जिस हवेली में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा स्थापित की गई थी, उसका नाम महारानी जिंदियन के नाम पर ही रखा गया है।
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साल 1801 से 1839 तक 38 साल पंजाब पर शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने अपने साम्राज्य को बेहद मजबूत बनाया। 27 जून 1839 को 59 साल की उम्र में महराजा का निधन हो गया।
बता दें कि धरा 370 हटाये जाने के बाद बोखलाए पाकिस्तान ने थार और समझौता एक्सप्रेस के बाद दिल्ली-लाहौर बस सेवा भी बंद कर दी थी। इससे पहले पाकिस्तान भारत के लिए अपने एयर स्पेस पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
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