अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने नए सिरे से लामबंदी शुरु कर दी है। इस गठबंधन में सभी गैर-बीजेपी, गैर-एनडीए राजनीतिक दल शामिल होंगे। इस गठबंधन का अधिवेशन दिल्ली में 10 दिसंबर को करने का ऐलान किया गया है। तेलुगु देशम पार्टी – टीडीपी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में पत्रकारों से औपचारिक बातचीत में इस अधिवेशन के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें सारे दल शामिल होंगे।
चंद्रबाबू नायडु ने बताया कि इस अधिवेशन में मोदी सरकार को पराजित करने की रणनीति पर चर्चा होगी, क्योंकि मोदी सरकार ने स्पष्ट जनादेश हासिल करने के बावजूद अपने शासनकाल में लोगों को मायूस किया है। उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन के लिए किसी को आमंत्रित नहीं किया जा रहा है बल्कि बीजेपी विरोधी राजनीतिक दल स्वंय ही इसमें शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश को आर्थिक, सामाजिक और तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा है। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि मोदी सरकार सीबीआई, ईडी, आईटी और दूसरी संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और रिश्वतखोरी के चलते देश को आर्थिक दुश्वारियों से दोचार होना पड़ा है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इस समय देश में दो ही फोरम हैं, एक बीजेपी और दूसरा विपक्ष। उन्होंने कहा कि यूं तो तेलुगु देशम पार्टी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ती रही है, लेकिन इस बार टीडीपी राजनीतिक नहीं बल्कि लोकतांत्रिक कारणों से कांग्रेस के साथ आई है।
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चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनके राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के साथ कोई वैचारिक मतभेद नहीं है। तेलंगाना में पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार अभियान के तौर पर बुधवार को राहुल गांधी के साथ कई बैठकों में शामिल होने वाले नायडू ने कहा कि गैर बीजेपी दलों के लिए एक ही मंच पर आना लोकतांत्रिक मजबूरी है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक रूप से हम (टीडीपी और कांग्रेस) अलग हैं। लेकिन वैचारिक तौर पर हमारे कोई मतभेद नहीं हैं। वैचारिक रूप से हमारे बीजेपी के साथ मतभेद हैं।“
उन्होंने कहा कि, “संविधान को बचाने और साथ ही संस्थानों को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ लड़ने की जरूरत है।“
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी विरोधी गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर उन्होंने कहा, ”नरेंद्र मोदी कौन हैं? साल 2014 तक वह महज एक मुख्यमंत्री थे। वह अपनी पार्टी को जिता पाए। अब कई सक्षम लोग और प्रशासक हैं। वे नेतृत्व करेंगे। हम इस पर सहमति बनाएंगे। मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। मैंने कई बार कहा है। मुझे इस पहल से किसी पद या किसी फायदे की आकांक्षा नहीं है।“
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