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राज्यसभा में प्रश्नपत्र लीक मामलों, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, कटघरे में पीएम मोदी

तृणमूल सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री हर विषय पर बोलते हैं किंतु उन्हें मणिपुर हिंसा के बारे में एक भी शब्द बोलने या वहां जाने का अवसर क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि ‘मटन’ और मुर्गा जैसे शब्दों का चुनाव में प्रयोग करने के लिए उन्हें शर्म करनी चाहिए।

राज्यसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरा
राज्यसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरा -

राज्यसभा में कई विपक्षी दलों ने देश में विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के बढ़ते मामलों, राज्यों के साथ भेदभाव किए जाने और केंद्रीय एजेंसियों को औजार बनाकर विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को दावा किया कि ‘अहंकार’ से देश को नहीं चलाया जा सकता है।

उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में एक शब्द गायब है और वह शब्द है ‘गठबंधन’। उन्होंने दावा किया कि ‘गोदी मीडिया’ से मिलकर एक्जिट पोल कराये गये और उसके आधार पर शेयर बाजार में आयी तेजी और फिर आयी गिरावट के कारण हजारों निवेशकों के पैसे डूब गए।

उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार के दोहरे मापदंडों को सभी लोग जानते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दी कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद केंद्र सरकार ने यदि मनरेगा और आवास योजना के तहत राज्य को एक भी पैसा दिया हो तो वह उसके बारे में एक श्वेत पत्र लायें।

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हक ने कहा कि बीजेपी महिलाओं का कभी सम्मान नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने केवल 13 प्रतिशत महिलाओं को संसद में भेजा। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने बिल्कीस बानो से बलात्कार करने के दोषियों तक को छोड़ दिया।

उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के लीक होने के बढ़ते मामलों पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदारी भी क्या देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर डाली जानी चाहिए?

तृणमूल सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री हर विषय पर बोलते हैं किंतु उन्हें मणिपुर हिंसा के बारे में एक भी शब्द बोलने या वहां जाने का अवसर क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि ‘मटन’ और मुर्गा जैसे शब्दों का चुनाव में प्रयोग करने के लिए उन्हें शर्म करनी चाहिए।

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वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि विश्व रैकिंग में स्वास्थ्य सुधार एवं सुविधाओं के मामले में भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र को कई पहल के माध्यम से मजबूती दी।

उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष श्रेणी के राज्य के दर्जे की मांग की। उन्होंने कहा कि इस समय राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) केंद्र की गठबंधन सरकार का एक घटक दल है और ऐसे में विशेष श्रेणी के राज्य की दर्जे को हासिल करने के लिए इससे अच्छा समय कोई नहीं हो सकता।

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डीएमके के पी विल्सन ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि नीट-यूजी की प्रक्रिया छात्रों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 12वीं कक्षा में आये अंकों को एमबीबीएस में प्रवेश का आधार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा से बच्चों एवं अभिभावकों पर बहुत मानसिक दबाव पड़ता है और आर्थिक रूप से भी बोझ पड़ता है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने हाल में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें राज्य के बच्चों को नीट से राहत दिलवाने या नीट की परीक्षा को पूरे देश के लिए समाप्त करने का आग्रह किया गया है।

विल्सन ने कहा कि नीट परीक्षा में हुए घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश देने में 48 दिनों का विलंब हो गया। उन्होंने कहा कि इससे घोटाले में शामिल लोगों को सबूत मिटाने के लिए पर्याप्त समय मिल गया।

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आम आदमी पार्टी के संदीप कुमार पाठक ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में कोई ‘दृष्टिकोण’ नहीं है और यह ‘खोखला’ है। उन्होंने कहा कि ‘अहंकार’ के वृक्ष पर सिर्फ ‘विनाश’ का फल उगता है। उन्होंने कहा, ‘‘अहंकार से देश नहीं चलाया जा सकता।’’

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को किस प्रकार नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, उसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज चुनाव लड़ने में इतना पैसा लगता है कि चुनाव लड़ना एक आम आदमी के वश के बाहर की बात है।

पाठक ने कहा कि चुनावी बॉण्ड को उच्चतम न्यायालय ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि देश में ‘चुनिंदा आपातकाल’ लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव संहिता लागू होने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि अब तो चुनाव में जेल का भी उपयोग होने लगा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम अधिनियम), सीबीआई, ईडी आदि एजेंसियों को अपने हथियार बना लिए हैं और इनके जरिए विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का पानी रोका जा रहा है।

बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज देश में जहां भी देखो, राजनीति को देश से ऊपर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कोई नीति नहीं है, वे राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने बीते दौर के राजनीतिक नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि उनकी राजनीति हमेशा गरीबों और आम लोगों पर केंद्रित रहती थी।

भारत राष्ट्र समिति के रवि चंद्र वद्दीराजू ने चर्चा में भाग लेते हुए तेलुगु में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश का जीडीपी तो बढ़ रहा है किंतु लोगों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगड़ रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विकास चंद्र भट्टाचार्य ने चर्चा में भाग लेते हुए पहले बांग्ला और फिर अंग्रेजी में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह एक भाषा और एक नेता वाला देश नहीं है, यह बहु संस्कृति वाला देश है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माझी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि संसद भवन में महात्मा गांधी और बाबा साहब आंबेडकर के साथ साथ भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा को भी उठाकर एक तरफ रख दिया गया।

उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच माह तक जेल में रखकर चुनाव से दूर रखा गया और उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी गयी। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय तक ने कहा कि सोरेन के खिलाफ सरकार कोई सबूत पेश करने में कामयाब नहीं हुई।

माझी ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में एक भी शब्द अयोध्या के राम मंदिर के बारे में नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि अब तो प्रधानमंत्री ने भी ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना छोड़ दिया है।

कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कल असत्य का नकाब हटाकर देश को सत्य बता दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से पिछले दस साल का हिसाब अवश्य मांगेंगे। आपने जुमलों के अलावा पिछले दस साल में कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने दावा कि सत्तारूढ़ दल को ‘चुनिंदा मतिभ्रम’ है। उन्होंने कहा कि वे भूल जाते हैं कि आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान देश को कांग्रेस सरकार ने ही दिया है।

पाटिल ने दावा किया कि लोग कह रहे हैं कि बीजेपी में जो भी जाता है, वह वाशिंग मशीन में धुल कर साफ हो जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सरकार का अच्छे दिन का वादा कब का हवा हो चुका है और देश के युवा बेरोजगारी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने संसद भवन से महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर एवं छत्रपति शिवाजी आदि महान नेताओं की प्रतिमा हटाकर अन्य स्थान पर रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन्हें ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए जहां लोगों की दृष्टि उन पर पड़ सके।

चर्चा में भाग ले रहीं तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती का जिक्र करते हुए प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि वह 30 साल तक पत्रकार रहीं और वह किसी गुट की ओर नहीं झुकी थीं किंतु आज वह संसदीय मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तत्परता से झुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रश्न नहीं उठाये जाएंगे तो लोकतंत्र भला सांस कैसे ले पाएगा?

उन्होंने कहा कि देश में ‘लोकतांत्रिक अवमूल्यन’ हो रहा है और अभिभाषण में मणिपुर के बारे में एक भी शब्द उल्लेख नहीं किया जाना इसका उदाहरण है। उन्होंने नीट-यूजी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार की छात्रों के प्रति यह बेपरवाही उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश में 70 परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की एक सशक्त भूमिका होती है, किंतु विपक्ष और मीडिया को ‘टुकड़े टुकड़े गैंग, खान मार्केट गैंग और लुटियंस गैंग’ कहकर बदनाम किया जा रहा है।

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बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज देश में जहां भी देखो, राजनीति को देश से ऊपर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कोई नीति नहीं है, वे राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने बीते दौर के राजनीतिक नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि उनकी राजनीति हमेशा गरीबों और आम लोगों पर केंद्रित रहती थी।

भारत राष्ट्र समिति के रवि चंद्र वद्दीराजू ने चर्चा में भाग लेते हुए तेलुगु में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश का जीडीपी तो बढ़ रहा है किंतु लोगों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगड़ रही है।

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विकास चंद्र भट्टाचार्य ने चर्चा में भाग लेते हुए पहले बांग्ला और फिर अंग्रेजी में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह एक भाषा और एक नेता वाला देश नहीं है, यह बहु संस्कृति वाला देश है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माझी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि संसद भवन में महात्मा गांधी और बाबा साहब आंबेडकर के साथ साथ भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा को भी उठाकर एक तरफ रख दिया गया।

उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच माह तक जेल में रखकर चुनाव से दूर रखा गया और उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी गयी। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय तक ने कहा कि सोरेन के खिलाफ सरकार कोई सबूत पेश करने में कामयाब नहीं हुई।

माझी ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में एक भी शब्द अयोध्या के राम मंदिर के बारे में नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि अब तो प्रधानमंत्री ने भी ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना छोड़ दिया है।

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कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कल असत्य का नकाब हटाकर देश को सत्य बता दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से पिछले दस साल का हिसाब अवश्य मांगेंगे। आपने जुमलों के अलावा पिछले दस साल में कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने दावा कि सत्तारूढ़ दल को ‘चुनिंदा मतिभ्रम’ है। उन्होंने कहा कि वे भूल जाते हैं कि आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान देश को कांग्रेस सरकार ने ही दिया है।

पाटिल ने दावा किया कि लोग कह रहे हैं कि भाजपा में जो भी जाता है, वह वाशिंग मशीन में धुल कर साफ हो जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सरकार का अच्छे दिन का वादा कब का हवा हो चुका है और देश के युवा बेरोजगारी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने संसद भवन से महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर एवं छत्रपति शिवाजी आदि महान नेताओं की प्रतिमा हटाकर अन्य स्थान पर रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन्हें ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए जहां लोगों की दृष्टि उन पर पड़ सके।

चर्चा में भाग ले रहीं तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती का जिक्र करते हुए प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि वह 30 साल तक पत्रकार रहीं और वह किसी गुट की ओर नहीं झुकी थीं किंतु आज वह संसदीय मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तत्परता से झुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रश्न नहीं उठाये जाएंगे तो लोकतंत्र भला सांस कैसे ले पाएगा?

उन्होंने कहा कि देश में ‘लोकतांत्रिक अवमूल्यन’ हो रहा है और अभिभाषण में मणिपुर के बारे में एक भी शब्द उल्लेख नहीं किया जाना इसका उदाहरण है। उन्होंने नीट-यूजी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार की छात्रों के प्रति यह बेपरवाही उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश में 70 परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की एक सशक्त भूमिका होती है, किंतु विपक्ष और मीडिया को ‘टुकड़े टुकड़े गैंग, खान मार्केट गैंग और लुटियंस गैंग’ कहकर बदनाम किया जा रहा है।

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कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कल असत्य का नकाब हटाकर देश को सत्य बता दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से पिछले दस साल का हिसाब अवश्य मांगेंगे। आपने जुमलों के अलावा पिछले दस साल में कुछ नहीं दिया।’’

उन्होंने दावा कि सत्तारूढ़ दल को ‘चुनिंदा मतिभ्रम’ है। उन्होंने कहा कि वे भूल जाते हैं कि आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान देश को कांग्रेस सरकार ने ही दिया है।

पाटिल ने दावा किया कि लोग कह रहे हैं कि भाजपा में जो भी जाता है, वह वाशिंग मशीन में धुल कर साफ हो जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सरकार का अच्छे दिन का वादा कब का हवा हो चुका है और देश के युवा बेरोजगारी के बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने संसद भवन से महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर एवं छत्रपति शिवाजी आदि महान नेताओं की प्रतिमा हटाकर अन्य स्थान पर रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन्हें ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए जहां लोगों की दृष्टि उन पर पड़ सके।

चर्चा में भाग ले रहीं तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने संसदीय लोकतंत्र की खूबसूरती का जिक्र करते हुए प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि वह 30 साल तक पत्रकार रहीं और वह किसी गुट की ओर नहीं झुकी थीं किंतु आज वह संसदीय मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तत्परता से झुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रश्न नहीं उठाये जाएंगे तो लोकतंत्र भला सांस कैसे ले पाएगा?

उन्होंने कहा कि देश में ‘लोकतांत्रिक अवमूल्यन’ हो रहा है और अभिभाषण में मणिपुर के बारे में एक भी शब्द उल्लेख नहीं किया जाना इसका उदाहरण है। उन्होंने नीट-यूजी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार की छात्रों के प्रति यह बेपरवाही उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश में 70 परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की एक सशक्त भूमिका होती है, किंतु विपक्ष और मीडिया को ‘टुकड़े टुकड़े गैंग, खान मार्केट गैंग और लुटियंस गैंग’ कहकर बदनाम किया जा रहा है।

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