अडानी-हिंडनबर्ग मामले और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगे झंडे के साथ मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। मार्च में अन्य सांसदों के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हिस्सा लिया।
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तिरंगा मार्च के बाद विपक्षी पाटियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस दौरान प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मोदी सरकार जो कहती है उसके तहत कभी नहीं चलती है। एक उदाहरण है, 50 लाख करोड़ का बजट को 12 मिनट में पास किया गया। वो हमेशा कहते थे कि संसद चलाने में विपक्षी पाटिर्यों की दिलचस्पी नहीं है। लेकिन बाधा तो सत्ता पक्ष ने डाला। जब भी हम बोलने के लिए उठते थे और हम नोटिस देते थे। नोटिस पर चर्चा की मांग करते थे। तब वह हमको बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ कि सत्ता पक्ष ने ही संसद को चलने नहीं दिया। इसके पीछे वजह यही है कि जो हमने मुद्दे उठाए हैं, खास कर अडानी से जुड़े मुद्दे हैं।“
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उन्होंने कहा कि 18 से 19 पार्टियों ने मिलकर इस कॉमन मुद्दे को उठाया। मुद्दा यह है अडानी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है। अडानी की संपत्ति केवल ढाई साल में 12 लाख करोड़ रुपये कैसे बनी? सरकार से पैसा लिया, एलआईसी से लिया। बैंकों से लिया। सरकार का पैसा और पब्लिक सेक्टर की संपत्ति उन्होंने खरीदा। यानी पैसा भी सरकार का और संपत्ति भी सरकार की। वह संपत्ति बनाते गए। इतनी बड़ी संपत्ति वाला आदमी देश में या विदेश में कोई नहीं होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से वे (अडानी) मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए। हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था। उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे। इसके बावजूद मोदी सरकार जेपीसी से क्यों डर रहे हैं?
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मार्च को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है। सरकार अगर नहीं मानती है तो ये हठधर्मी है। सरकार को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए, प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अगर आप लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं तो विपक्ष की भी बात सुननी चाहिए।
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वहीं कांग्रेस सांसद और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार खुद संसद नहीं चलने दे रही है। वे अडानी घोटाले पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते? कांग्रेस सांसद ने कहा कि पूरी बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार लोकतंत्र को खत्म करने का काम कर रही है। पूरे सत्र में वे बस अडानी को बचाने में लगे थे। हम बस जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। वे इस पर बात तक नहीं कर रहे हैं। हम इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएंगे।
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मोदी सरकार की नीतियों के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला। कांग्रेस सत्र शुरू होने के दिन से ही अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है। वहीं तमाम विपक्षी दल भी अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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