संसद के मॉनसून सत्र में रविवार को कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में भी ध्वनि मत से पास कर दिया है। इसी बीच कांग्रेस समेत 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि उपसभापति हरिवंश को लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आज के दिन को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन बताया।
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अहमद पटेल ने कहा कि 'यह दिन इतिहास में 'काला दिन' के रूप में दर्ज होगा। जिस तरह से ये बिल पारित किए गए हैं, वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और लोकतंत्र की हत्या है। 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।'
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कृषि से जुड़े अध्यादेशों का जहां देशभर के किसान और विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं वहीं अब इसके राज्यसभा से ध्वनि मत से पास होने के बाद राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। विपक्षी सांसद अहमद पटेल ने कहा कि जिस तरीके से लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रक्रिया को नकारते हुए ये अध्यादेश पास किए गए हैं उससे भारतीय लोकतंत्र की हत्या हुई है और आज का दिन इतिहास में 'काले दिन' के रूप में दर्ज हो गया है। बता दें कि ये अध्यादेश लोकसभा से पहले ही पास हो चुके हैं।
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इससे पहले राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को मंजूरी मिल गई। ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुंच गए। कोविड-19 के खतरे को दरकिनार करते हुए धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्ष ने इसे 'काला दिन' बताया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह 'लोकतंत्र की हत्या' है।
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