पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना नोटबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगेगा। लेकिन इसके उलट ओपी रावत ने दावा किया है कि नोटबंदी के बावजूद चुनावों में काले धन का उपयोग कम नहीं हुआ।
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उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी के बाद यह सोचा गया था कि चुनाव के दौरान पैसों के गलत इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी। लेकिन पिछली बार की अपेक्षा इस बार के चुनावों में ज्यादा पैसे जब्त हुए हैं। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के बाद यह कहा गया था कि चुनाव के दौरान पैसे का दुरुपयोग कम हो जाएगा। लेकिन बरामदगी के आंकड़ों के आधार पर यह साबित नहीं हो सका। पिछले चुनावों के मुकाबले उन्हीं राज्य में अधिक कालेधन की बरामदगी हुई है।”
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उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि राजनीतिक वर्ग और उनके फाइनेंसरों को पैसे की कोई कमी नहीं है। इस तरीके से उपयोग किया जाने वाला पैसा आम तौर पर कालाधन होता है। जहां तक चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल किया जाता है, वहां कोई जांच नहीं है।
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बता दें कि ओपी प्रकाश रावत मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से शनिवार को रिटायर्ड हो गए हैं। ओपी प्रकाश रावत की जगह पूर्व वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुनिल अरोड़ा ने पदभार संभाल लिया है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर, 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया गया था। इसके तहत 500-1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। पीएम मोदी ने दावा का किया था कि नोटबंदी के फैसले से जाली नोट, काला धन और आतंकवाद पर रोक लगेगी।
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