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विजयदशमी के दिन भारत को फ्रांस ने सौंपा पहला राफेल विमान, लेने गए राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा के बाद भरी उड़ान

फ्रांस ने भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंप दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस विमान को लेने खुद फ्रांस की राजधानी पेरिस में मौजूद हैं। भारत इस सौदे के तहत फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद रहा है, जिसकी पहली खेप आज विजयदशमी के दिन भारत को मिली है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

आखिरकार मंगलवार को फ्रांस के साथ राफेल डील के तहत पहला लड़ाकू विमान भारत को मिल गया। इस विमान को लेने खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस गए हैं। आज विजयदशमी और भारतीय वायु सेना दिवस के अवसर पर भारत को पहला राफेल विमान मिलने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उसकी शस्त्र पूजा की। इसके लिए दसॉल्ट कंपनी की फैक्ट्री में विधिवत शस्त्र पूजन का कार्यक्रम रखा गया था। सभी रस्मों के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विधिवत विमान का फीता काटकर उसका उद्घाटन किया।

Published: 08 Oct 2019, 8:16 PM IST

पहले राफेल विमान की डिलिवरी लेने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अत्याधुनिक विमान में बैठकर उड़ान भी भरी। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने खुशी जताते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल विमान के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता बढ़ेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत-फ्रांस के राजनीतिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि डील के तहत बाकी राफेल विमानों की डिलिवरी तय समय पर होगी।

Published: 08 Oct 2019, 8:16 PM IST

इस मौके पर फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर भी मौजूद थे। इस मौके पर ट्रैपियर ने कहा कि आज हमारे लिए गर्व का पल है और साथ ही भारतीय वायुसेना के लिए भी बड़ा दिन है। उन्होंने कहा कि हमने वही किया जो राफेल विमानों के करार में था। बता दें कि डील के तहत बाकी के लड़ाकू विमान सितंबर 2022 तक भारत आएंगे। इसके लिए भारतीय वायु सेना तैयारियों में जुटी हुई है, जिसमें पायलटों का प्रशिक्षण भी शामिल है।

इससे पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच भारतीय प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग के लिए एक अहम बातचीत हुई। इस मुलाकात से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से भी मुलाकात की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है।

Published: 08 Oct 2019, 8:16 PM IST

गौरतलब है कि करीब 8.78 अरब डॉलर का यह राफेल डील शुरू से काफी विवादों में भी घिरा रहा। सबसे पहले यह करार यूपीए सरकार के समय अस्तित्व में आया था। लेकिन 2014 में सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने पुराने सौदे को रद्द कर नये सिरे से सौदे को अंजाम दिया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नये सौदे में तीन गुना कीमत पर राफेल विमान खरीदे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे की आड़ में मोदी सरकार पर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। हालांकि मोदी सरकार इन आरोपों से इनकार करती है।

Published: 08 Oct 2019, 8:16 PM IST

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Published: 08 Oct 2019, 8:16 PM IST