केंद्रीय गृह सचिव ने तमाम राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर अनलॉक-3 के दिशानिर्देशों के पैरा नंबर 5 पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके अनुसार, कोई भी प्रदेश, अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय यात्रा पर रोक लगा नहीं सकता है। यह नियम आम आदमी और सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गाड़ियों पर लागू होता है।
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अनलॉक-3 की गाइडलाइन के अनुसार, आम आदमी या मालवाहक गाड़ियों को एक सूबे से दूसरे सूबे में जाने के लिए राज्य सरकार से कोई मंजूरी नहीं लेना पड़ेगा। केंद्रीय गृह सचिव ने अपने पत्र में कहा कि स्थानीय स्तर पर कई जिलों और राज्यों ने आवाजाही पर बैन लगाया है, जिससे लोगों को समस्या हो रही है। केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि सामान और आम आदमी की आवाजाही पर रोक का प्रभाव सप्लाई चेन पर पड़ रहा है, जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों और रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। चिट्ठी में स्पष्ट कहा गया है कि आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई जाए और गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करें।
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गृह सचिव ने कहा कि ऐसे प्रतिबंध आपदा प्रबंधन कानून 2005 के प्रावधानों के तहत गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के समान हैं। पत्र में आग्रह किया गया है कि पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए और 'अनलॉक' संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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आपको बता दें कि 29 जुलाई को अनलॉक-3 की गाइडलाइन जारी की थी। इसके अनुसार, व्यक्तियों और सामानों के राज्य के भीतर और राज्य के बाहर आने-जाने पर पर कोई बैन नहीं होगा। इस प्रकार की गतिविधियों के लिए अलग से इजाजत, अनुमोदन या ई-परमिट की जरुरत नहीं होगी। रात में आवाजाही पर से रोक हटा दिया गया है।
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