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कश्मीर में आतंकियों के साथ पकड़े गए DSP पर NIA ने कसा शिकंजा, UAPA समेत कई धाराओं में दर्ज किया केस

NIA ने हिजबुल के आतंकियों की मदद करने के मामले में DSP देवेंद्र पर अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच के लिए NIA की टीम सोमवार को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना होगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए डीएसपी देवेंद्र सिंह के खिलाफ NIA ने आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ रखने और अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक देवेंद्र सिंह पर धारा 18,19,20, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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बता दें कि डीएसपी देवेंद्र सिंह के मामले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी थी। मामले की जांच के लिए एनआईए की 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। इस मामले की जांच के लिए NIA की टीम सोमवार को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना होगी। UAPA की धारा 38 उस समय लगाई जाती है, जब किसी व्यक्ति के आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात सामने आती है। DSP देवेंद्र सिंह पर हिजबुल के आतंकियों के मदद करने का आरोप है।

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देवेंद्र सिंह को 11 जनवरी को कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में मीर बाजार के पास से हिजबुल के दो आतंकियों नवीद बाबू और आसिफ रादेर के साथ एक गाड़ी में तब पकड़ा गया था, जब तीनों दिल्ली के रास्ते में थे। बताया जा रहा है कि जिस सफेद रंग की मारूती कार से इन लोगों को पकड़ा गया, उससे 2 एके-47 और कुछ हैंडग्रेनेड भी बरामद किए गए थे।

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बताया जा रहा है कि देवेंद्र सिंह के साथ पकड़े गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी नवीद बाबू और आसिफ रादेर 2 दिनों तक श्रीनगर के बादामी बाग के पास स्थित देवेंद्र सिंह के घर में ही रुके हुए थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकियों को पंजाब और दिल्ली भेजने की तैयारी थी, जिसके लिए डीएसपी देवेंद्र सिंह ने काफी भारी रकम ली थी।

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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र सिंह शुरु से विवादों में रहे हैं। इससे पहले संसद हमले के केस में फांसी की सजा पाए अफजल गुरू से भी उसके कनेक्शन बताए जाते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उसके खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई या जांच नहीं हुई। लेकिन 11 जनवरी की सुबह जब वो श्रीनगर के अपने घर से निकले तभी सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम उसके पीछे लग गई और जवाहर टनल से पहले हिजबुल के दो टॉप आतंकियों के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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