बिहार के बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिये गये सभी अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा सभी दोषियों पर 40-40 हजार का जुर्माना भी लगाया है। एनआईए की विशेष अदालत ने सभी बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए सजा सुनाई। इस सीरियल ब्लास्ट का मुखिया हैदर अली था। इनके साथ इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी भी शामिल थे।
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इस मामले में एनआई की विशेष अदालत ने 25 मई को सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था लेकिन सजा का ऐलान नहीं किया जा सका था।
एनआईए ने बोधगया ब्लास्ट मामले में 6 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। छठा आरोपी नाबालिग था। इस कारण उसके मुकदमे को ट्रायल के लिए गायघाट स्थित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में भेज दिया गया था। वहां से उसे बोधगया और गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट मामले में 3-3 वर्ष की सजा हो चुकी है।
7 जुलाई 2013 की सुबह बोधगया में एक के बाद एक 9 बम धमाके हुए थे और तीन अलग-अलग जगहों से जिंदा बम भी बरामद किया गया था। यह धमाके महज 30 मिनट के भीतर किए गए थे। इन घटनाओं में दो बौद्ध भिक्षु घायल हो गए थे। सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया। एनआईए ने मामले की जांच करने के बाद सभी आरोपियों पर 3 जून 2014 को चार्जशीट फाइल किया था। 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट मे भी ये सभी आरोपी हैं।
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