रविवार को दिल्ली की जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के मामले में कई नए खुलासे सामने आरहे हैं। हिंसा के बाद से ही कई ग्रुप्स की व्हाट्सएप चैट वायरल हो रही हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप में लगभग ABVP के आठ पदाधिकारी, JNU के मुख्य प्रॉक्टर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज के एक शिक्षक और दो पीएचडी होल्डर शामिल हैं। इन सभी ग्रुप्स में छात्रों के साथ मारपीट और कैंपस में हिंसा को अंजाम देने के मैसेज भेजे गए थे।
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सोमवार को अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी खबर के मुताबिक़ हिंसा के दौरान इन ग्रुप्स पर लगातर मैसेजेस भेजे जा रहे थे। JNU के प्रमुख प्रॉक्टर धनंजय सिंह भी 'फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस' नाम के एक ग्रुप के मेंबर थे। यह ग्रुप JNU में हिंसा से पहले और हिंसा के दौरान सक्रिय था। इस बारे में कैंपस के प्रमुख प्रॉक्टर धनंजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और ना ही वे ऐसे किसी व्हाट्सएप ग्रुप मेसेजेस पर ध्यान देते हैं।
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JNU के मुख्य प्रॉक्टर और 2004 में ABVP अध्यक्ष पद के उम्मीदवार धनंजय सिंह ने कहा, “मैंने यह ग्रुप छोड़ दिया था और अब मैं इसका सक्रिय सदस्य नहीं हूं। मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज शांति बहाल करना है। ग्रुप में शामिल सभी मेरे छात्र हैं। मैं इस विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं और यह भावनात्मक रूप से भी मेरे लिए बहुत मुश्किल समय है। कई बार ऐसा होता है कि आपको किसी ग्रुप का हिस्सा बनाया जाता है और आपको उसकी न तो जानकारी होती है और न ही आप उसके मैसेज चेक करते।”
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इस दौरान 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय था, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) के लगभग आठ वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी थे। JNU की ABVP इकाई के विभाग संयोजक और JNU के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के पीएचडी लास्ट ईयर के छात्र विजय कुमार भी इस ग्रुप के एडमिन हैं। जब विजय कुमार से इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, “मुझे किसी अज्ञात नंबर की तरफ से ग्रुप में शामिल किया गया था और उस ग्रुप का एडमिन बनाया गया था। जब मैंने अपना व्हाट्सएप चेक किया तो मैंने तुरंत ही उस ग्रुप को छोड़ दिया। मुझे अब अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे फोन आ रहे हैं।'
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उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने JNU हिंसा की लिए वाम कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है। ABVP की JNU इकाई के सचिव मनीष जांगीड़ ने आरोप लगाया, “वाम कार्यकर्ताओं ने नियोजित ढंग से हमलों को अंजाम दिया।” साथ ही उन्होंने दावा किया कि नकाबपोश हमलावरों की अगुवाई जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष कर रहीं थीं।
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उधर हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए JNU में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ली है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भूपेंद्र ने कह रहा है कि JNU में रविवार रात को हुए छात्रों पर हमले की सारी जिम्मेदारी मैं लेता हूं।
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पिंकी चौधीर ने वीडियो में कहा कि JNU छात्रों द्वारा हमारे धर्म के खिलाफ बोलना सही नहीं है, कई सालों से JNU कुछ दलों का अड्डा बना हुआ है। इसके अलावा पिंकी ने कहा कि अगर भविष्य में ऐसी कोई घटना सामने आती है तो हम वही कदम उठाएंगे जो रविवार की शाम JNU में उठाया था।
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