कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय को अडानी समूह से जुड़ी जांच का नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहिए तथा ‘घोटाले’ की पूरी जांच के लिए तत्काल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह मांग करने के साथ ही एक खबर का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि स्विट्जरलैंड की एक सरकारी संस्था ने अडानी समूह से जुड़े एक व्यक्ति के 31.1 करोड़ डॉलर (2,610 करोड़ रुपये) वाले पांच बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है।
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अमेरिकी संस्था ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे और इसको लेकर कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले कर रही है। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘खबरों से पता चला है कि स्विस लोक अभियोजक कार्यालय ने स्विट्जरलैंड के धनशोधन रिपोर्टिंग कार्यालय की जांच के बाद लंबे समय से अडानी के विश्वासपात्र चांग चुंग-लिंग के 31.1 करोड़ डॉलर (2,610 करोड़ रुपये) वाले पांच खातों को ‘फ्रीज’ (लेन-देन पर रोक) कर दिया है।’’
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उन्होंने कहा कि ‘स्विस फेडरल क्रिमिनल कोर्ट’ के 9 अगस्त, 2024 के एक आदेश में इस कार्रवाई को दी गई चुनौती को खारिज करते हुए कहा गया है कि ये ‘‘अपारदर्शी फंड’’ अंततः एक ऐसी इकाई के हैं, जिस पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है।
रमेश के अनुसार, ‘‘स्विस अदालत ने कथित तौर पर पाया कि चांग और उसके सहयोगी बाजार में हेरफेर करने में लगे हुए थे, जिसका आरोप अडानी समूह पर कई वर्षों से लगता रहा है। स्विस जांचकर्ताओं का कहना है कि ये खाते जालसाजी, क्रेडिट धोखाधड़ी और धनशोधन के लिए इस्तेमाल किए गए।’’
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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अडानी समूह के साथ चांग के घनिष्ठ संबंध किसी से छिपे हुए नहीं हैं। संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना की जांच से पता चला है कि चांग और उनके सहयोगी नासिर अली शाबान अहली इंडोनेशिया से अडानी द्वारा आयातित कोयले की अधिक कीमत दिखाने के पीछे भी थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चांग अडानी समूह की कई कंपनियों में निदेशक रहे हैं और एक बार उन्होंने विनोद अडानी के साथ सिंगापुर का पता साझा किया था। उनका नाम पनामा पेपर्स में भी आया था। उनकी कंपनी गुदामी इंटरनेशनल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय के दो आरोपपत्रों में आया था।’’
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उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ‘‘मित्र’’ को समृद्ध करने और उसकी रक्षा करने के लिए इस कदर उतारू हैं कि अगर स्विट्जरलैंड, श्रीलंका और बांग्लादेश में भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, तो उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है।
रमेश ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के लिए यह जरूरी है कि वह अडानी जांच का नियंत्रण अपने हाथ में ले और अडानी महाघोटाले की पूरी तरह से जांच के लिए तुरंत एक जेपीसी गठित की जाए।’’
पीटीआई के इनपुट के साथ
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