अंग्रेजी अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ ने आज (रविवार) अपना मुंबई संस्करण लॉन्च किया। अखबार के मुंबई एडिशन को इसके संस्थापक और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 132वीं जयंती के मौके पर लॉन्च किया गया। इस मौके पर कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट समेत बड़े नेता भी उपस्थित रहे। इनके साथ-साथ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के चेयरमैन पवन बंसल, वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार मृणाल पांडे, बिजनेस हेड पीयूश जैन और इसकी स्थानीय संपादक सुजाता आनंद समते कई अहम लोग मौजूद रहे।
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST
बात करें इसके इतिहास की तो आजादी की लड़ाई में भी इस अखबार ने अहम रोल अदा किया। दरअसल 1919 में जलियांवाला बाग कांड ने गांधी जी को भारत के औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार के दमनकारी विकृत चेहरे के सामने ला खड़ा किया। उन्हें डायरशाही के शिकार बनकर सुलग रहे पंजाब में नहीं जाने दिया गया लेकिन बेंजामिन गाय हॉर्निमन नामक एक ब्रिटिश पत्रकार वहां पहुंच चुका था। अमृतसर से वापस आकर लिखे उसके तीखे आलोचनात्मक लेखों ने गांधी को सत्याग्रह और जनांदोलन को छेड़ने के लिए एक मजबूत और निडर मीडिया मंच की ज़रूरत महसूस कराई।
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST
इस बीच मणिभवन गांधी जी का वह विख्यात मुख्यालय बना जहां से 1917-1934 तक, पहले मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी, और फिर जन-जन के बापू बन गए गांधी जी ने भारत की आज़ादी की भारी मुहिम चलाई। इस मुहिम के दौरान उनके द्वारा संपादित दो साप्ताहिक अखबारों की भारी भूमिका रही। एक था अंग्रेज़ी साप्ताहिक यंग इंडिया, दूसरा था गुजराती मासिक नवजीवन। गांधी जी के साबरमती के तीन मित्र (उमर सोभानी, इंदुभाई याग्निक और शंकरलाल) अब तक ये दोनों प्रकाशन चला रहे थे। उन्होंने इन दोनों को अपने विचारों की अभिव्यक्ति और जनसंदेशवाहक बनाने के लिए दोनों को गांधी जी के सुपुर्द कर दिया।
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST
समय का तकाजा और अंग्रेजी में खास लोगों तथा हिंदी जैसी बड़े आधार वाली भारतीय भाषा में आम जन तक बात पहुंचाने की जरूरत समझनेवाले गांधी जी ने यंग इंडिया को बाई वीकली बनाया और नवजीवन को गुजराती मासिक की बजाय हिंदी साप्ताहिक का रूप दिया। बाद में जब बापू जेल में थे, तो 1938 में उनके आदेश से जवाहरलालजी ने इन्हीं दोनों प्रकाशनों की कोख से आगे जाकर असोशियेटड जर्नल न्यास बनाकर नेशनल हेराल्ड अंग्रेजी में और नवजीवन हिंदी में छापना जारी रखा।
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST
बता दें कि यह पब्लिकेशन वर्ष 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अगुआ के रूप में शुरू किया गया था। ‘नेशनल हेराल्ड’ ग्रुप में हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’ अखबार शामिल हैं।
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 14 Nov 2021, 4:12 PM IST