राजनीतिक रूप से संवेदनशील उत्तर प्रदेश के दो शहरों वाराणसी और कानपुर में मेट्रो रेल निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है। केंद्र के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी सकते में हैं क्योंकि इनमें से एक शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और दूसरा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गृह जिला।
एक वरीय अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र सरकार का यह फैसला वास्तव में हमारे लिए हिला देने वाला है। तत्कालीन शहरी विकास मंत्री रहे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 4 अक्टूबर 2016 को कानपुर मेट्रो रेल योजना की आधारशिला रखी थी और लगभग एक साल बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के साथ आने को कहा है।’ उन्होंने आगे बताया कि कानपुर मेट्रो का डीपीआर 29 मार्च 2016 को जमा किया गया था और सार्वजनिक निवेश बोर्ड द्वारा इसकी जांच की गई थी। केंद्र सरकार से कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं मिलने पर तत्कालीन शहरी विकास मंत्री ने कानपुर मेट्रो की आधारशिला रखी थी। अधिकारी ने कहा, ‘हमें कैसे पता कि एक साल में ही इस पर आपत्ति आ जाएगी।
वाराणसी मेट्रो का डीपीआर 29 जून 2016 को जमा किया गया था और तब से अपनी जनसभाओं में प्रधानमंत्री यह बात कहते आए हैं कि वाराणसी में मेट्रो लाना उनका सपना है। अब किसी को भी स्पष्ट तौर पर नहीं पता कि प्रधानमंत्री के सपने का क्या होगा। उन्होंने वाराणसी को क्योटो में बदल देने का भी वादा किया था।
कानपुर और वाराणसी मेट्रो योजना के नई मेट्रो रेल नीति के अनुसार नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार से परियोजना पर फिर से काम करने और नए प्रस्ताव को दोबारा भेजने के लिए कहा है।
नई नीति में परियोजना का आकलन शहरी परिवहन जैसे तीसरे पक्ष के द्वारा किए जाने की बात की गई है। राज्यों को मेट्रो परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए संसाधनों को जुटाने में रचनात्मक प्रक्रिया को अपनाने की जरूरत पर बल दिया गया है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि नए दिशानिर्देश बहुत सख्त हैं। ये दिशानिर्देश उस जगह पर जनसंख्या के घनत्व और परिवहन की वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में भी बात करते हैं जहां मेट्रो परियोजनाएं शुरू की जानी हैं।
यूपी के नेताओं के लिए मेट्रो परियोजनाएं बहुत पसंदीदा शब्द हैं। इस परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। जबकि कानपुर, वाराणसी, मेरठ, इलाहाबाद, गोरखपुर और आगरा समेत 6 अन्य शहरों में यह परियोजना प्रस्तावित है। मेरठ और आगरा मेट्रो का डीपीआर तैयार है, जबकि मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर और इलाहाबाद के डीपीआर पर काम चल रहा है।
Published: 16 Sep 2017, 7:23 PM IST
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Published: 16 Sep 2017, 7:23 PM IST