पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सजा पर गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन से इनकार के तुरंत बाद पार्टी ने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करती है और अब उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी। वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर पर एक लंबा लेख लिखा जिसकी शुरुआत समर शेष है जनगंगा को खुल कर लहराने दो… से होती है। अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने लिखा कि सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी। यह मामला राहुल गांधी की 'मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी से जुड़ा हुआ है।
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प्रियंका गांधी ने अपने लेख की शुरुआत एक कविता से की। उन्होंने लिखा:-
"समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर"
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "राहुल गांधी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए। अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है।"
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प्रियंका ने आगे लिखा, "लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों और अहंकारी बीजेपी सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।"
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वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, "हमने राहुल गांधी की अयोग्यता पर गुजरात उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ के फैसले पर गौर किया है। न्यायाधीश के तर्क का अध्ययन किया जा रहा है, जैसा कि होना चाहिए। यह फैसला इस मामले को आगे बढ़ाने के हमारे संकल्प को दोगुना करता है।"
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कांग्रेस नेताओं की यह टिप्पणी गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा 'मोदी सरनेम' टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद आई है। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता यहां कांग्रेस मुख्यालय पर एकत्र हुए और केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
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