केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने सोमवार को कर्नाटक के कोप्पल में एक कार्यक्रम में कहा कि जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है, वो लोग ही खुद के धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने की बात कहते हैं। हेगड़े ने लोगों को खुद की पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर करने की बात कही। हेगड़े ने कहा कि संविधान में बदलाव भी किया जा सकता है, हम यहां संविधान बदलने के लिए आए हैं। अनंत हेगड़े ने कोप्पल जिले में ब्राह्मण युवा परिषद के एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान ये तमाम बातें कहीं।
केंद्र सरकार में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री हेगड़े ने कहा कि वे लोग जो अपनी जड़ों से अनजान होते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती। उन्हें अपनी जडों का पता नहीं होता, लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं।
हेगड़े ने कहा कि एक नई परंपरा चलन में है, जिसमें लोग अपने आप को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं। ये ठीक नहीं है, उन्हें खुशी होगी अगर कोई यह दावा करे कि वह मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू है। इससे मुझे खुशी होगी क्योंकि वह व्यक्ति अपनी रगों में बह रहे खून के बारे में जानता है। लेकिन मुझे यह नहीं पता कि उन्हें क्या कहकर बुलाया जाए जो अपने आप को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं।
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कुछ दिनों भी अनंत हेगड़े ने बीजेपी की बेलागवी परिवर्तन रैली के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ अपशबदों का उपयोग किया था। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने सिद्धारमैया का नाम लेते हुए कहा था कि उन्हें लोगों की वोटों की जरूरत है। इसके लिए वे लोगों के जूते तक चाट सकते हैं। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
Published: 26 Dec 2017, 10:32 AM IST
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Published: 26 Dec 2017, 10:32 AM IST