एक निजी फर्म द्वारा मंगलवार को आयोजित यूरोपीय सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर मोदी सरकार गंभीर सवालों में घिर गई है। अब तक कश्मीर को आंतरिक मुद्दा बता रही मोदी सरकार पर यूरोपीय सांसदों का दौरा कराकर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले को लेकर जारी चर्चा के बीच कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस दौरे को प्रायोजित बताते हुए मोदी सरकार पर भारत की कूटनीति को एक अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रखने का आरोप लगाया है।
रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर कहा कि पिछले तीन दिनों में देश ने एक ‘इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर’ द्वारा प्रायोजित मोदी सरकार का अपरिपक्व, विवेकहीन और मूर्खतापूर्ण ‘पीआर स्टंट’ देखा। एक अनजान थिंकटैंक द्वारा यूरोपियन संसद के 27 सदस्यों को भारत लाया गया और उनकी पीएम मोदी से मुलाकात करवाई गई और फिर उन्हें सरकार द्वारा कश्मीर भेजा गया और वहां उनकी पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इस डेलिगेशन के 23 सदस्य ही कश्मीर गए और 4 दिल्ली से ही लौट गए।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 72 साल से भारत की नीति रही है कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और हम इस बारे किसी तीसरे पक्ष, समूह, संस्था या व्यक्ति की दखलंदाजी कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। पिछले तीन दिनों में इस नीति को पलटकर मोदी सरकार ने एक अक्षम्य अपराध किया है। सच्चाई यह है कि पिछले 72 साल में यह देश की सबसे बड़ी कूटनीतिक चूक है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत की कूटनीति को एक अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथ गिरवी रख दिया है।
सुरजेवाला ने यूरोपीय सांसदों के इस दौरे को लेकर कई गंभीर सवाल उठाते हुए पूछा, “क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि मैडी शर्मा कौन है? बीजेपी का ‘महिला आर्थिक व सामाजिक थिंकटैंक’ और ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नॉन अलाईंड स्टडीज’ से क्या संबंध है? मैडी शर्मा क्यों और किस हैसियत से प्रधानमंत्री से मिलने का समय दे रही हैं, वो भी तब जब यूरोपीय सांसद अनौपचारिक यात्रा पर हैं और भारत सरकार इस यात्रा की प्रायोजक क्यों बनी? एक बिजनेस ब्रोकर द्वारा प्रायोजित कश्मीर की इस यात्रा का पैसा कहां से आ रहा है? इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को दरकिनार क्यों कर दिया गया है?”
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सुरजेवाला ने देश के सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति नहीं देने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने देश की संसद और प्रजातंत्र का भी घोर अपमान किया है।जब हमारे अपने सांसद और विपक्षी दलों के नेता कश्मीर जाते हैं, तो बीजेपी सरकार उन्हें एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर जबरन वापस भेज देती है। इसके विपरीत निजी यात्रा पर आए यूरोपीय सांसदों का लाल कालीन बिछाकर कश्मीर में स्वागत कर रही है और वह भी तब, जब उन्हें एक अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर द्वारा लाया गया है, न कि आधिकारिक तौर पर यूरोपीय देशों द्वारा भेजा गया है। यानि देश के सांसदों से ‘शांति’ का खतरा है और विदेशी सांसदों का कश्मीर में ‘स्वागत’ है।
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कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार से जवाब की मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने एक तीसरे पक्ष को कश्मीर के जमीनी हालात का जायजा लेने की इजाजत देकर देश की घोषित नीति का उल्लंघन कर घोर पाप किया है। ऐसा कर सरकार ने जम्मू कश्मीर पर भारत की संप्रभुता को भी चुनौती दे डाली है। उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की संप्रभुता को चुनौती देने, राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार करने और संसद का अपमान करने वाले अपने इन फैसलों के बारे आगे आकर देश को स्पष्टीकरण दें।”
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