मोदी सरकार के पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के ठिकाने पर की गई एयर स्ट्राइक में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने के दावे पर राजनीतिक घमासान जारी है। कई विपक्षी पार्टियों द्वारा एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे जाने से तीलमिलाई बीजेपी विपक्षी दलों पर लगातार हमलावर है। लेकिन अब इस मुद्दे पर बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान के बीच अब पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के घरवालों ने भी सबूत की मांग कर दी है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले एक जवान की विधवा ने सरकार से एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पुलवामा में शहीद हुए मैनपुरी के सीआरपीएफ जवान राम वकील की पत्नी गीता देवी ने कहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर सरकार को सबूत देने चाहिए।
शहीद की विधवा ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद सबूत के तौर पर हमारे जवानों के शव थे, लेकिन पाकिस्तान में हुई एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों के मामले में ऐसा नहीं हुआ। राम वकील की बहन और मां ने भी कहा कि अगर सरकार का दावा है कि उन्होंने अपने जवानों की शहादत का बदला लिया है तो उन्हें इस बात का सबूत भी देना चाहिए।
बहन ने कहा, “हमें यह जानने का हक है कि आखिर क्या हुआ। हम कैसे भरोसा करें कि एयर स्ट्राइक हुई और आतंकी मारे गए। ये दावे ‘झूठे’ भी हो सकते हैं।” पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए राम वकील अपने पीछे पत्नी और तीन बेटे छोड़ गए हैं। एक महीने की छुट्टी बिताने के बाद राम वकील 11 फरवरी को ही कश्मीर लौटे थे।
इससे पहले यूपी के शामली के शहीद जवान प्रदीप कुमार की विधवा ने भी बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे थे। प्रदीप कुमार की 80 वर्षीय मां सुलेलता ने भी इसी तरह की मांग की है। उन्होंने कहा, “हम संतुष्ट नहीं हैं। इतने बेटे मारे गए। दूसरी तरफ कोई शव नहीं है। वास्तव में वहां के बारे में कोई पुष्ट खबर नहीं है। हम इसे टीवी पर देखना चाहते हैं। और हम अपने घरों में बताना चाहते हैं। हम आतंवादियों के शव देखना चाहते हैं।”
पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में वायुसेना के विमानों ने 26 फरवरी की सुबह पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर हमले किए थे। हमले के बाद सरकार की ओर से पुष्टि की गई थी कि भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जेहादी मारे गए, जो वहां फिदायीन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे।
लेकिन एक ओर जहां सरकार ने वायुसेना के हमले में मारे गए आतंकवादियों की कोई सही संख्या नहीं बताई, वहीं विभिन्न मंत्रियों ने अलग-अलग संख्या बताई। जबकि विवाद बढ़ने पर वायुसेना ने कहा कि उसका काम लक्ष्य को निशाना बनाना है, शव गिनना नहीं।
Published: 06 Mar 2019, 10:58 PM IST
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Published: 06 Mar 2019, 10:58 PM IST