केंद्र की मोदी सरकार आगामी 1 फरवरी को पूर्ण वित्तीय बजट पेश करने जा रही है। अगर मोदी सरकार पूर्ण बजट पेश करती है तो यह इसका 5 साल के कार्यकाल में 6ठा पूर्ण बजट होगा। कांग्रेस ने इसे लेकर ही मोदी सरकार की तैयारी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर मोदी सरकार ऐसा करती है तो यह सात दशकों से चली आ रही परंपराओं और मानकों का उल्लंघन होगा।
मनीष तिवारी ने कहा, “हमें पता चला है कि सरकार ऐसा कर रही है। मोदी सरकार 5 साल में 6ठी बार बजट पेश करने की जना पर काम कर रही है। नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक है, जबकि सरकार का कार्यकाल 26 मई तक ही है। ऐसे में जब सरकार का कार्यकाल वित्त विर्ष 2019-20 के आरंभ होने से 56 दिनों के भीतर समाप्त हो रहा है तो फिर सरकार कैसे 365 दिनों का बजट पेश कर सकती है।”
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मनीष तिवारी ने स्पष्ट तौर पर कहा अगर एनडीए सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो यह सात दशकों से चली आ रही संसदीय परंपराओं और मानकों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन होगा। उन्होंने ऐसी सूरत में संसद के भीतर और बाहर भारी विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए कहा कि मोदी सरकार के पास पांच साल में छठा पूर्ण बजट पेश करने का न तो जनादेश है और न ही निर्वाचन संबंधी वैधता।
मोदी सरकार के कार्यकाल के 26 मई को समाप्त होने का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि सरकार 365 दिनों का बजट पेस करने की रेखा कहां से खींच रही है। उन्होंने कहा, "पिछले पांच साल के आर्थिक कुप्रबंधन को छिपाने के लिए यह संवैधानिक औचित्य और संसदीय प्रक्रिया और परंपराओं का पूर्ण रूपेण उल्लंघन करने को सोच रही है।" मनीष तिवारी ने कहा चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार ऐसा करेगी तो कांग्रेस इसका संसद के भीतर और बाहर जोरदार विरोध करेगी।
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