मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं। इस बात की पुष्टि लोकसभा में दी गई सरकार की जानकारी से हुई है। पत्रकारों पर हमलों के मामले में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में 2015-16 के अपराध के आंकड़े पेश किए। उन्होंने सदन को बताया कि राज्य में पिछले दो साल में पत्रकारों पर हमले के 43 मामले दर्ज हुए हैं। आंध्र प्रदेश में 7, त्रिपुरा में 5, राजस्थान में 5 और उत्तर प्रदेश में 4 मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार के मुताबिक, 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में कमलेश जैन की हत्या के अलावा पत्रकारों पर हमले के 6 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं।
सरकार ने कहा कि वह पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाएगी। पत्रकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा जरूरी है और इसके लिए जो भी जरूरत होगी, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। वहीं कांग्रेस का कहना है कि राज्य में न सिर्फ पत्रकार, बल्कि जनता भी सरकार के रवैये से परेशान है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ग सरकार से त्रस्त है।
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