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लॉकडाउन में दोहरी मार सह रहे लाखों दिहाड़ी मजदूर, राहुल-प्रियंका ने जताई चिंता, कांग्रेस की सरकार से 3 मांगे 

कोरोना वायरस के कारण पूरा देश थम गया है। लॉकडाउन के कारण मजदूरों के पलायन का सिलसिला नहीं रूक रहा है। देश के कई प्रदेशों से मजदूर पैदल या फिर साईकिल से ही अपने घर की ओर रवाना हो रहे हैं। इस वजह से कई जगहों पर पुलिस ने मजदूरों के साथ बदसलूकी भी की है।

फोटो: प्रमोद पुष्कर्णा
फोटो: प्रमोद पुष्कर्णा 

कोरोना वायरस के कारण पूरा देश थम गया है। लॉकडाउन के कारण मजदूरों के पलायन का सिलसिला नहीं रूक रहा है। देश के कई प्रदेशों से मजदूर पैदल या फिर साईकिल से ही अपने घर की ओर रवाना हो रहे हैं। इस वजह से कई जगहों पर पुलिस ने मजदूरों के साथ बदसलूकी भी की है। इनी सभी घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने आज (शनिवार) पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कल से हम टेलीविजन पर देख रहे हैं कि हजारों, लाखों प्रवासी मजदूर अपने-अपने परिवारों के साथ जिसमें छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं, निकल पड़े हैं सड़कों पर, सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने-अपने गांव जाने के लिए। इतनी बड़ी संख्या में हो रहा यह पलायन एक और बड़ी मानव त्रासदी है। गर्म होते मौसम, सरकारी अकर्मण्यता, उदासीनता, पुलिस की बर्बरता, पूरे देश में तालाबंदी के कारण उत्पन्न हुई खाद्य सामग्री और दवाइयों की किल्लत ने शायद कोरोना से भी बडी मानव त्रासदी में इन प्रवासी मजदूरों को धकेल दिया है।

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अजय माकन ने कहा कि राहुल गांधी ने भी बार-बार कहा कि गरीब जरुरतमंद लोगों के बैंक खातों में सीधे 7,500 रुपए सरकार को डाल देने चाहिएं। आज भी राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि पलायन कर रहे प्रवासियों को कांग्रेस कार्यकर्ता और साधारण लोग भी रास्ते में जहां भी हो सके उन्हें पूरी मदद प्रदान करें। विदेशों से लोगों को लाने के लिए सरकार जब हवाई जहाज भेज सकती है तो इन गरीब बेसहारा मजदूरों के लिए इंतजाम क्यों नहीं हो सकता है? कल कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने भी अपने पत्र में प्रधानमंत्री जी से इसी के लिए आग्रह किया था।

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कांग्रेस ने सरकार के सामने 3 मांगे भी रखी हैं। अजय माकन ने कहा कि सबसे पहले सरकार तुरंत इन प्रवासी मजदूरों के खाते में 7,500 रुपए प्रति माह के हिसाब से जमा कराए। इसी से ज्यादातर मजदूर पलायन करने से शायद रुक जाएंगे। दूसरा, राज्य सरकारें पर्याप्त मात्रा में राशन, चिकित्सा और खाना इन गरीबों के लिए उपलब्ध कराएं। तीसरा, सभी गरीब प्रवासी जो सड़कों पर बसर कर रहे हैं या दूसरे प्रदेशों में अपने घर से दूर अटक गए हैं, उन्हें कैसे सुरक्षा पूर्वक बगैर किसी महामारी के प्रकोप से सोशल डिस्टेसिंग को ढंग से इम्प्लीमेंट करके इनको कैसे वापस लाया जा सके, अगर संभव हो सके तो इसका भी इंतजाम भारत सरकार को तुरंत करना चाहिए। एनडीएमए के तहत सभी बार्डर सील हैं, केन्द्र सरकार को इस संबंध में कोई रास्ता निकालना ही चाहिए।

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कांग्रेस नेता ने कहा कि हम लोग इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करना चाहते हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी पहले दिन से कह रही है कि इस कोरोना वायरस के साथ मानव जाति के युद्ध में देश के अंदर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार जो भी कदम उठाए हैं, तो पूरी की पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता सरकार के किसी भी कार्य में, हम उनके साथ खड़े हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने भी मजदूरों के पलायन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए। राहुल ने ट्वीट करके लिखा, 'सरकार इस भयावह हालत की जिम्मेदार है। नागरिकों की ये दशा करना एक बहुत बड़ा अपराध है। आज संकट की घड़ी में हमारे भाइयों और बहनों को कम से कम सम्मान और सहारा तो मिलना ही चाहिए। सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए ताकि ये एक बड़ी त्रासदी ना बन जाए।'

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वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी लॉकडाउन से उपजे हालात को लेकर सरकार पर हमला बोला है। प्रयंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली-यूपी के बॉर्डर की सड़कों पर एक मानव त्रासदी अपना पैर पसार रही है। लोग परेशान हैं लेकिन सरकार कुछ कर नहीं रही है।

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प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, “दिल्ली, गाजियाबाद, आनंद विहार की सड़कों पर एक मानव त्रासदी अपने पैर पसार रही है। महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। वे पैदल, रिक्शे, गाड़ियों, बसों की छतों पर बैठकर अपने ठिकानों की तरफ भाग रहे हैं। समझ नहीं आता सरकार चाहती क्या है?

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