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विधानसभा भंग करने के फैसले को कोर्ट में चुनौती न देकर, जनता की अदालत में जाएंगी महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राज्य विधानसभा भंग किए जाने के राज्यपाल के फैसले को अदालत में चुनौती नहीं देंगी। उन्होंने ऐलान किया है कि वे इस मुद्दे को लेकर जनता की अदालत में जाएंगी।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह जबरदस्त राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। जिस दिन पीडीपी-कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस ने एक संयुक्त मोर्चा बनाकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया, उसी दिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आधी रात से कुछ पहले विधानसभा भंग कर दी।

महबूबा मुफ्ती ने 21 नवंबर को तीनों दलों के कुल 56 विधायकों की संख्या बताते हुए राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए पत्र लिखा था, और इसे फैक्स द्वारा राजभवन भेजा गया था। इसी दिन सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए अपने साथ बहुमत होने की बात कही थी। लेकिन इन दोनों दावों पर कोई भी विचार करने से पहले ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रात करीब साढ़े नौ बजे विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया।

राज्यपाल के इस आदेश के बाद कई लोगों ने महबूबा मुफ्ती को कोर्ट जाने की सलाह दी थी। लेकिन सोमवार को महबूबा मुफ्ती इस मामले पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर जनता की अदालत में जाएंगी।

महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, “मेरे शुभचिंतकों ने सलाह दी है कि राज्यपाल के विधानसभा भंग करने के फैसले के खिलाफ मुझे अदालत जाना चाहिए। पीडीपी, एनसी और कांग्रेस साथ मिलकर इसलिए आए थे, जम्मू-कश्मीर का फायदा हो सके। लेकिन मेरा मानना है कि अब हमें लोगों की अदालत में जाना चाहिए जो किसी भी अदालत से बड़ी और ऊंची है।“

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गौरतलब है कि अभी कुछ महीने पहले बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया था। अब जम्मू-कश्मीर में अगले साल मई में चुनाव होंगे।

इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल खून-खऱाबे और हिंसा के बजाय करतारपुर कॉरिडोर जैसी पहल के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ईमानदार पहल होनी चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 2008 के मुंबई हमले के 10 साल पूरे होने के मौके पर करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास काफी मायने रखता है।

सोमवार को ही उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस कॉरिडोर के बनने से सिख श्रद्धालुओं के पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने में सुविधा होगी।

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