पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को ‘भगवान द्वारा भेजा गया’ टिप्पणी को लेकर बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन इलाके के मथुरापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि, ‘‘चुनावी हार की डर से बीजेपी नेता हर तरह की बातें कह रहे हैं जिनका कोई मतलब नहीं है।’’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘वह अब खुद को ईश्वर का पुत्र कह रहे हैं। वह दावा करते हैं कि हम सब के विपरीत उनके जैविक माता-पिता नहीं हैं। वह कहते हैं कि उन्हें भगवान द्वारा भेजा गया है। मैं पूछती हूं, क्या भगवान किसी को दंगों की साजिश रचने, विज्ञापन के जरिये झूठ फैलाने, एनआरसी की कवायद के नाम पर लोगों को जेल भेजने के लिए भेजता है?’’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या भगवान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नाम पर गुंडागर्दी को प्रायोजित करने या 100 दिन के काम के लिए पैसे रोकने या ग्रामीण घरों को बनने से रोकने के लिए अपना दूत भेजता है? क्या भगवान लोगों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करने के अपने वादे से पीछे हटता है? भगवान ऐसी चीजें नहीं कर सकता?
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मुख्यमंत्री का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक राष्ट्रीय टीवी चैनल को दिये गये एक साक्षात्कार की पृष्ठिभूमि में समाने आया है। इस साक्षात्कार में मोदी ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘जब तक मेरी मां जीवित थीं, मैं सोचता था कि मैं जैविक रूप से जन्मा हूं। उनके निधन के बाद, जब मैं अपने अनुभवों को देखता हूं, तो मुझे यकीन हो जाता है कि मुझे भगवान ने भेजा है। ये ताकत मेरे शरीर से नहीं है, यह मुझे भगवान ने दिया है। यही वजह है कि भगवान ने मुझे ऐसा करने की योग्यता, शक्ति, पवित्रता और प्रेरणा भी दी। मैं और कुछ नहीं बल्कि एक उपकरण हूं जिसे भगवान ने भेजा है।’’
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बनर्जी ने भगवान जगन्नाथ को ‘प्रधानमंत्री का भक्त’ बताने संबंधी बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा की विवादास्पद टिप्पणी के लिए भी मोदी की खिल्ली उड़ाई जिसे पात्रा ने बाद में वापस ले लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भगवान जगन्नाथ मोदी बाबू के भक्त हैं, जैसा कि उनके कार्यकर्ताओं ने दावा किया है, तो क्या हमें उनके नाम पर एक मंदिर नहीं बनाना चाहिए, क्या उनकी तस्वीर के सामने पूजा करके प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए और उनके लिए एक पुजारी नियुक्त नहीं करना चाहिए? हम यह सब कर सकते हैं, लेकिन उन्हें ऐसी बातें कहकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’
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