अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली कथित धर्म सभा को लेकर आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे ही माहौल में शिवसेना ने एक भड़काऊ पोस्टर जारी किया है, जिसमें काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को ध्वस्त करने की योजना बताई गई है। इसके अलावा धर्म सभा में बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपी राम विलास वेदांती और साध्वी ऋतंभरा को भी बुलाया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण की कोशिशें शुरु हो चुकी हैं। अब बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एक भड़काऊ पोस्टर जारी किया है। शिवसेना नेता अजय चौबे की तरफ से जारी इस पोस्टर में साफ लिखा है कि, “25 नवंबर को अयोध्या में मंदिर निर्माण और काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के ध्वस्त का ऐलान” होगा। अजय चौबे शिवसेना के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।
लेकिन शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने इस पोस्टर पर अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते कि अजय चौबे कौन है। लेकिन अजय चौबे को जानने वाले बताते हैं कि वह वर्षों से शिवसेना का सक्रिय कार्यकर्ता है।
गौरतलब है कि अजय चौबे ने मंगलवार को वाराणसी के अर्दली बाजार में महावीर मंदिर के आसपास ये पोस्टर चिपकाए थे, जिसके बाद सदर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अजय चौबे पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की धारा 153 ए और धर्म का अपमान करने की धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच 25 नवंबर को अयोध्या में होने वाली धर्म सभा में दो ऐसे व्यक्तियों को बुलाया गया है जो बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपी हैं। ये दोनों हैं भड़काऊ भाषण देने के लिए जानी जाने वाली साध्वी ऋतंभरा और बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती। विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक कार्यक्रम में इन दोनों के मुख्य वक्ताओं के तौर पर शामिल किय गया है।
25 नवंबर के कार्यक्रम की तैयारियां देख रहे वीएचपी के एक नेता ने बताया कि राम विलास वेदांती राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी सदस्य हैं। इस न्यास की स्थापना अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए की गई थी। वेदांती उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की वशिष्ठ पीठ के मुखिया भी हैं। मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले वेदांती पर 6 दिसबंर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस में कारसेवकों को उकसाने का आरोप है।
इसी तरह विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की मुखिया साध्वी ऋतंभरा भी कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं। साध्वी ऋतंभरा पर भी बाबरी मस्जिद गिराए जाने की जांच करने वाले लिब्रहन आयोग ने आरोप लगाए थे।
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विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने नेशनल हेरल्ड से बातचीत में कहा कि कि वेदांती एक राजनीतिज्ञ के तौर पर नहीं, बल्कि एक संत के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं ऋतंभरा भी परमशक्ति पीठ की मुखिया के तौर पर धर्म सभा में हिस्सा लेंगी। शरद शर्मा ने सवाल उठाया कि, “आखिर ये लोग धर्म सभा में क्यों न हिस्सा लें? इन लोगों ने राम मंदिर के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है।”
विश्व हिंदू परिषद के सूत्रों का कहना है कि 25 नवंबर की धर्म सभा में ऐसे उन सभी लोगों को बुलाया जा रहा है जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 की घटना में या तो हिस्सा लिया था या उसके साक्षी रहे थे।
इस कार्यक्रम में राम जन्मभूमि न्यास से प्रमुख नृत्यगोपाल दास, रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय भी शामिल होंगे।
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