महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के बयान पर बवाल हो गया है। शिंदे सरकार के मंत्री ने कहा है कि किसानों का आत्महत्या करना कोई नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई वर्षों से हो रही हैं। उनके इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टियों जोरदार हमला बोला है। विपक्षी दल अब्दुल सत्तार की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मंगलवार को विधान भवन के बाहर प्रदर्शन भी किया। वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार को किसान विरोधी बताया है।
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इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हो या महाराष्ट्र सरकार दोनों ही किसान विरोधी हैं। राज्य सरकार किसानों की मदद नहीं कर रही है, हम चाहते हैं कि किसानों की मांगों को पूरा किया जाए और पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए, अन्यथा हम पूरे राज्य में "कुर्सी छोड़ो आंदोलन" करेंगे।
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बता दें कि कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने रविवार को औरंगाबाद जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र सिल्लोड में किसानों के आत्महत्या करने के विषय में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि किसानों का आत्महत्या करना कोई नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई वर्षों से हो रही हैं।
अब्दुल सत्तार ने कहा, ‘‘ किसानों के आत्महत्या करने का मामला कोई नया नहीं है। ऐसी घटनाएं कई वर्षों से हो रही हैं। मेरा मानना है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र सहित महाराष्ट्र में कहीं भी किसानों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। ’’
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पुलिस के मुताबिक तीन से 12 मार्च के बीच सिल्लोड में कम से कम दो किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हालांकि, सूत्रों ने दावा किया है कि इसी अवधि के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद जिले में कम से कम छह किसानों ने आत्महत्या की है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कर्ज की समस्या होने के कारण किसानों ने आत्महत्या की है।
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