मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान बुंदेलखंड के छतरपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि इस इलाके के तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है और यहां पानी की समस्या का समाधान हो गया है। लेकिन सच्चाई प्रधानमंत्री के इस दावे से ठीक उलट है। अगर इस इलाके में पानी होता तो किसान, मजदूर और युवा आखिर अपने गांव को छोड़कर परदेस क्यों जाते। सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री ने तथ्यात्मक रूप से गलत दावा क्यों किया या किसने उनसे यह झूठ बुलवाया?
मध्य प्रदेश में चुनावी मौसम है और नवंबर का महीना चल रहा है। इस समय बुंदेलखंड के किसी भी इलाके में चले जाएं, तालाबों के आधे से भी कम हिस्से में पानी भरा नजर आएगा। जल योजनाओं का बुरा हाल है। पानी घरों तक पहुंचता नहीं और लोगों को हैंडपंपों पर कतार में खड़ा आसानी से देखा जा सकता है।
बुंदेलखंड में दो दशक से जल संरक्षण और संवद्धन के लिए काम करने वाले 'जल-जन जोड़ो' के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड में सबसे बड़ी समस्या जल संकट ही तो है। उन्होंने कहा कि यहां की इस समस्या का निदान हो जाता तो क्यों हजारों परिवार हर साल गांव, घर छोड़ने को मजबूर होते। खेत मैदान में क्यों बदले नजर आते। यह इलाका कभी जल संरचनाओं के कारण ही पहचाना जाता था, मगर अब यह जल संरचनाएं गुम हो गई हैं। इन पर अतिक्रमण की भरमार है, जलस्त्रोतों तक पानी जाने के रास्ते बंद पड़े हैं।
संजय सिंह याद दिलाते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर 2017 में खजुराहो में आयोजित राष्ट्रीय सूखा मुक्ति सम्मलेन में बुंदेलखंड के तालाबों के चिन्हीकरण, सीमांकन आदि का वादा किया था, लेकिन तालाबों का न तो सीमांकन हुआ और न ही चिन्हीकरण। होता भी कैसे, इन तालाबों पर कब्जे जो हो चुके हैं। इतना ही नहीं, इसके ठीक उलट तालाबों को मिट्टी से पाट जरूर दिया गया। बुंदेलखंड के जलसंकट का एक सबसे बड़ा कारण जल संरचनाओं का गुम होना भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 नवंबर को छतरपुर की एक चुनावी सभा में कहा, “बुंदेलखंड में 15 वर्षो में बड़ा बदलाव आया है। जो बदलाव कोई राजा और महाराज ला पाए, वह शिवराज लाए हैं। संगठन के काम के सिलसिले में कई बार छतरपुर आया हूं। उस समय छतरपुर में नहाने के लिए भी पानी की दिक्कत होती थी। आज यहां सिंचाई के क्षेत्र में अनेक काम हो रहे हैं। कांग्रेस की सरकार ने वर्षों तक बरियापुर डैम के काम को लटकाए रखा, उसे बीजेपी की सरकार ने पूरा कराया। कांग्रेस के समय में छोटे तालाबों पर बड़े-बड़े दबंगों के कब्जे थे, शिवराज ने इसके लिए अभियान चलाया। नये तालाब बनवाए। अब इनका पानी किसानों को मिल रहा है।”
कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुंदेलखंड की बदहाली के लिए बीजेपी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के लिए 3000 करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई, लेकिन वह राशि राज्य की बीजेपी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। बीजेपी नेताओं ने उस राशि को विकास कार्य में लगाने की बजाय अपनी जेब में डाल लिया।
क्षेत्रीय राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास का कहना है कि बुंदेलखंड की पानी की समस्या अब भी वही है जो दो दशक पहले थी। यह सही है कि प्रधानमंत्री गांव और गली में जाकर पता नहीं कर सकते, उन तक जो जानकारी पहुंची होगी, वह प्रदेश सरकार से जुड़े लोगों और बीजेपी नेताओं ने पहुंचाई होगी। सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री को आखिर यह झूठी जानकारी किसने दी।
Published: undefined
प्रधानमंत्री ने एक तरफ बुंदेलखंड की पानी समस्या के निदान की बात की और दूसरी ओर छत्रसाल विश्वविद्यालय का जिक्र कर वाहवाही लूटनी चाही, मगर यहां का हर वर्ग दोनों की स्थिति से वाकिफ है। यही कारण है कि जो इन दोनों बातों को सुन रहा है, वह सवाल भी कर रहा है कि प्रधानमंत्री के मुंह से गलत तथ्य किसने बुलवा दिया।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined