मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक निजी अस्पताल के प्रबंधन की अमानवीयता सामने आई है। यहां 80 साल बुजुर्ग के परिजन जब उपचार के लिए जरुरी रकम नहीं जमा कर पाए तो उसके हाथ और पैर ही पलंग से बांध दिए गए। प्रशासन ने इस मामले की जांच कराई है। शीला दांगी ने संवाददाताओं को बताया कि यहां के एक निजी नर्सिंग होम में उसने अपने बुजुर्ग पिता लक्ष्मी नारायण दांगी (80) को लगभग एक सप्ताह पहले भर्ती कराया गया था। उन्हें पेट की तकलीफ है। अस्पताल प्रबंध ने इलाज के लिए पहले छह हजार, फिर पांच हजार रुपए मांगे, जिसे जमा करा दिया गया।
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शीला का आरोप है कि शनिवार की सुबह उसने पैसे न होने पर अस्पताल से छुट्टी के लिए कहा, तो कर्मचारियों ने पहले फाइल देने में आना कानी की और बाद में 11,270 रुपए की मांग की। इतना ही नहीं पेशाब की नली भी नहीं निकाली और बाद में पलंग से हाथ-पैर बांध दिए।
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश विष्णु फुलंबीकर ने रविवार को आईएएनएस से कहा, "इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल गठित किया, जिसमें दो चिकित्सक है। इस दल ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। वहीं निजी अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।"
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