बीजेपी शासित राज्यों में दलितों और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के साथ भेदभाव लगातार जारी है। गुजरात में लगातार बढ़ते अत्याचारों से परेशान दलितों ने बौद्ध धर्मा अपनाना शुरु कर दिया है, तो मध्य प्रदेश में पुलिस कांस्टेबिल की भर्ती के लिए आए उम्मीदवारों के सीने पर एसस-एसटी की सील लगा दी गई। इस घटना से गुस्साए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसे पूरे समाज का अपमान बताया है।
मध्य प्रदेश के धार जिले में पुलिस कांस्टेबिल की भर्ती के लिए आए उम्मीदवारों को जब मेडिकल टेस्ट के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, तो वहां मौजूद अधिकारियों ने एससी-एसटी उम्मीदवारों के सीने पर उनकी जाति की सील लगाना शुरु कर दी। यह मामला सामने आने के बाद मचे बवाल पर धार के पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक ब्रिजेंद्र सिंहने कहा कि उम्मीदवारों के सीने पर उनकी जाति का ठप्पा लगाना दुखद है। उन्होंने कहा कि, “हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं, ताकि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के पहचानकर कार्यवाही की जा सके।”
उधर जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर डॉ. आरसी पनिका ने कहा कि ये गंभीर मामला है और हम इसकी जांच करेंगे।
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इस मामले की जानकारी मिलने पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसे दुखद और एससी-एसटी वर्ग का अपमान है। उन्होंने कहा वह इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेटर लिखेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
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मध्य प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल रक्षाबंधन के दिन भोपाल जेल में दो बच्चे अपने परिजन के साथ जेल में बंद अपने पिता से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान जेलकर्मियों ने पहचान के लिए हाथ पर लगाई जाने वाली सील बच्चों के चेहरे पर लगा दी थी। यह सील इसलिए लगाई जाति है कि कहीं कैदी भीड़ का फायदा उठाकर भाग न जाए।
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