मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने बुधवार को अपना पहला आम बजट पेश किया। दो लाख 33 हजार करोड़ रुपए से अधिक के इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं पर खास जोर दिया गया है। इसके साथ ही बजट में स्वास्थ्य का अधिकार और पानी का अधिकार लागू किए जाने का वादा किया गया है। राज्य के वित्तमंत्री तरुण भनोट ने बुधवार को विधानसभा में वर्ष 2019-20 का आमबजट पेश किया। इस बजट में कुल विनियोग राशि 233,606 करोड़ रुपए है। यह घाटे का बजट है। इस बजट में राजकोषीय घाटा 3़ 34 प्रतिशत है। वित्तमंत्री ने केंद्र सरकार पर राज्य के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राज्य को दी जाने वाली राशि में 2,700 करोड़ रुपए की कटौती की गई है।
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राज्य सरकार के इस बजट में किसानों पर विशेष जोर दिया गया है। कृषि विभाग के बजट में 66 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। किसानों के कर्ज माफ करने के लिए शुरू की गई जय किसान फसल ऋण माफी योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही राज्य में 1,000 गौशालाओं के लिए 132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को बोनस के लिए 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को पशुपालन और मछुआरों को रियायती ब्याज दर पर ऋण के लिए क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। कृषि बंधु योजना शुरू की जा रही है।
राज्य सरकार बजट में महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ई-रिक्शा योजना शुरू करने जा रही है। वहीं मध्यान्ह भोजन योजना का खाद्यान्न महिला स्वास्थ्य समूहों के द्वारा आपूर्ति किए जाने की मंशा जाहिर की गई है।
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इसी तरह युवाओं को रोजगार देने की वचनबद्घता दोहराई गई है। राज्य सरकार ने यहां स्थापित होने वाले उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने का कानून बनाने की बात कही है। राज्य में निवेश के लिए उद्योगों में भरोसा पैदा करने का सरकार का प्रयास जारी है। उद्योग संवर्धन नीति में आमूल-चूल बदलाव किया गया है।
वित्तमंत्री ने सरकार द्वारा राज्य के व्यंजनों को देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, "रतलाम के नमकीन, भिंड का पेड़ा, मुरैना की गजक, सागर की चिरोंजी की बर्फी, छतरपुर-टीकमगढ़ के पीतल कारोबार की ब्रांडिंग की जाएगी, ताकि लोगों को घर बैठे यह सामग्री मिल सके।"
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बजट में हर व्यक्ति को पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पानी का अधिकार और स्वास्थ्य का अधिकार देने का वादा किया गया है। राज्य में नदियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में खास पहल की जाएगी। राज्य के 36 जिलों की 40 नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा। पेयजल के अधिकार के लिए 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार के इस बजट पर नजर दौड़ाई जाए तो बीते वर्ष के मुकाबले स्वास्थ्य के क्षेत्र में 32 प्रतिशत, शिक्षा पर 16 प्रतिशत, ग्रामीण विकास में 20, नगरीय विकास में 28 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
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