लोकसभा की एक समिति ने लुटियंस दिल्ली में कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सरकारी बंगले में रहे पूर्व सांसदों को सात दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने को कहा है। निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि पूर्व सांसद सात दिनों के भीतर बंगले खाली कर दें, वरना उन्हें मिल रही बिजली और पानी आदि सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी।
लोकसभा आवास समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल के हवाले से खबर आई है कि कमेटी ने सोमवार (19 अगस्त, 2019) को एक बैठक की थी। इस बैठक में फैसला लिया गया कि तीन दिनों में पूर्व सांसदों के सरकारी आवासों के बिजली, जल और गैस के कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
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समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सदस्यों ने अब तक अपने सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं, जिसके बाद लोकसभा के पैनल का यह निर्देश आया है। पाटिल ने कहा, “आवास कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि तीन दिन के अंदर ऐसे बंगलों के बिजली, जल और गैस कनेक्शन काट दिए जाएंगे। पूर्व सांसदों से इसके साथ ही हफ्ते भर में आवास खाली करने के लिए कहा गया है।”
पाटिल के मुताबिक, किसी भी पूर्व सांसद ने यह नहीं कहा है कि वह अपना बंगला खाली नहीं करेंगे।
नियमानुसार, पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगलों को खाली करना होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर 16वीं लोकसभा को 25 मई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था।
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