मोदी सरकार का धारा 370 खत्म करने का ऐलान, जम्मू कश्मीर से छिने ये अधिकार
जम्मू-कश्मीर से मोदी सरकार ने आर्टिकल 35ए और 370 को हटाने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसकी घोषणा की। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर क्या है आर्टिकल 370 और 35ए? इसके खत्म होने से जम्मू-कश्मीर पर क्या असर पड़ेगा?
By नवजीवन डेस्क
फोटो: सोशल मीडिया
जम्मू-कश्मीर से मोदी सरकार ने आर्टिकल 35ए और 370 को हटाने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसकी घोषणा की। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर क्या है आर्टिकल 370 और 35ए? इसके खत्म होने से जम्मू-कश्मीर पर क्या असर पड़ेगा?
Published: 05 Aug 2019, 12:40 PM IST
क्या है आर्टिकल 370?
आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। इस आर्टिकल के मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए।1956 में जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान बना।
Published: 05 Aug 2019, 12:40 PM IST
आर्टिकल 370 को लेकर क्या है विवाद
जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले, तो उस महिला की जम्मू-कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाएगी।
अगर कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती है, तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती है।
आर्टिकल 370 के कारण कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
जम्मू-कश्मीर में भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं है. यहां भारत की सर्वोच्च अदालत के आदेश मान्य नहीं होते।
Published: 05 Aug 2019, 12:40 PM IST
जम्मू-कश्मीर का झंडा अलग होता है।
जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
आर्टिकल 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में सूचना का अधिकार (आरटीआई) लागू नहीं होता।
जम्मू-कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
जम्मू-कश्मीर में पंचायत के पास कोई अधिकार नहीं है।
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल होता है, जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 साल होता है।
भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के संबंध में बहुत ही सीमित दायरे में कानून बना सकती है।
आर्टिकल 370 हटते ही ये सब बदल जाएगा और जम्मू-कश्मीर में भी दूसरे राज्यों के तरह ही कानून लागू होंगे। जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले सारे विशेषाधिकार खत्म हो जाएंगे।