1967 में चौथा लोकसभा चुनाव कराया गया। यह लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग था। 1966 में इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। इसी दौर में इंदिरा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।
इस चुनाव में लोकसभा सीटों की संख्या 520 थीं। कांग्रेस ने 283 सीटें जीतीं। यह पहली बार था जब कांग्रेस को 300 से कम सीटें मिलीं। इतना ही नहीं पार्टी का वोट शेयर भी कम रहा। अब तक हुए तीनों लोकसभा चुनाव में मजबूत वपक्ष के तौर पर कोई भी पार्टी उभर नहीं पाई थी। लेकिन इस बार ‘स्वतंत्र पार्टी’ का उदय हुआ। इस चुनाव में 'स्वतंत्र पार्टी' ने 44 सीटें जीती। जबकि जनसंघ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनक उभरी। जनसंघ ने 1967 लोकसभा चुनाव में 35 सीटें जीती। दोनों ही पार्टियों की सीटें इस चुनाव में बढ़ी थी। वहीं प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 13 सीटें जीतनें में कामयाब रही थी।
इस चुनाव में कुल 61.04 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस को 40.78 फीसदी लोगों ने वोट किया था। चौथे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तीसरे लोकसभा चुनाव के मुकाबले 78 सीटें कम मिली थीं।
1967 लोकसभा चुनाव में जहां स्वतंत्र पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनकर उभरी वहीं वामपंथी पार्टियों को पहले के अपेक्षा कम सीटों से संतोष करना पड़ा। हालांकि दूसरे लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन चौथे लोकसभा चुनाव में यह पार्टी चौथे नंबर पर रही। दरअसल सीपीआई उस वक्त दो धड़ों में बंट गई थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इस चुनाव में 109 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और सिर्फ 23 सीटें जीतीं। जबकि सीपीएम 59 सीटों पर लड़ी और 19 सीटें जीती। भारतीय जनसंघ ने 249 सीटों पर चौथा लोकसभा चुनाव लड़ा और 35 सीटें जीतीं।
वहीं प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की सीटों में तीसरे लोकसभा चुनाव के मुकबाले बढ़ोतरी हुई थी। इस चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने अपने ही धड़े से अलग हुई पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन किया था। चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 13 सीटें और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने 23 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के 1342 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। इनमें से 440 ने जीत दर्ज की। क्षेत्रीय पार्टियों के 148 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और 43 जीते। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 3 मार्च 1967 को दूसरी बार इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined