कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश परेशान है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने मेट्रो, बस, ऑटो, हवाई, बस और रेल सेवा और टैक्सी सेवाएं बंद कर रखी हैं। सिर्फ कर्फ्यू पास वाले वाहनों की चलने की इजाजत है। निजी वाहन से बाहर निकलने पर भी पाबंदी है। पूरे देश लॉकडाउन लागू है। करोडों लोगों अपने घर में रहने को मजबूर हैं और लाखों लोगों की रोजगार छीन गई है। लॉकडाउन में रोजगार ना होने की वाजह से प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकाल गए हैं। मजदूरों की दयनीय तस्वीरें सोशल मीडिया पर रोज वायरल हो रही हैं। ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे देखते हुए बीजेपी के एक सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। सांसद ने पत्र में शाह से अनुरोध किया है कि वे प्रवासी श्रमिकों के लिए पीएम-केयर फंड से 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करें। उन्होंने लिखा कि यह पैसा मजदूरों के परिवहन पर खर्च किया जाए क्योंकि सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले मजदूरों की छवि राजनीतिक रूप से पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।
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राज्यसभा सदस्य ओम प्रकाश माथुर ने लिखा ‘ये सब हमारे ही लोग हैं। प्रवासियों की पीड़ा गहन चर्चा का विषय बन गई है।’ पार्टी के सूत्रों का मानना है कि यह एक संकेत था कि इस बात का प्रतिकूल राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।
सांसद ने आगे लिखा “आपको पता होना चाहिए कि पिछले कई दिनों से, हम टीवी पर देख रहे हैं और समाचार पत्रों में पढ़ रहे हैं कि प्रवासी श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। इसलिए, मैं आपसे अपील करता हूं कि प्रवासियों के कल्याण के लिए पीएम-केयर फंड से आवंटित 1,000 करोड़ रुपये का उपयोग उनके लिए परिवहन की व्यवस्था कर उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।”
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PM-CARES फंड ट्रस्ट ने हाल ही में मजदूरों की देखभाल के लिए 1000 करोड़ रुपये का ऐलान किया था। इस राशि का उपयोग प्रवासी कामगारों के लिए परिवहन, आश्रय, चिकित्सा और भोजन पर खर्चो को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
बता दें कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और बहुत तेजी से फैल रहा है। भारत में कोरोनावायरस के मामले शनिवार तक 85 हजार का आंकड़ा पार कर चुके हैं। देश में अब 52 हजार से भी ज्यादा एक्टिव केस हैं, जबकि 2753 लोगों की मौत हुई है। एक अच्छी खबर यह है कि अब तक कुल मरीजों में से 30 फीसदी से ज्यादा यानी करीब 30 हजार लोग ठीक हो कर घर लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटे में ही 2277 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं, जो कि अब तक का रिकॉर्ड है।
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