कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे आर के धवन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता का अंतिम संस्कार बुधवार शाम 5 बजे दिल्ली में हुआ। धवन का 6 अगस्त की शाम को एक स्थानीय अस्पताल में 81 साल की उम्र में निधन हो गया था।
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
इसे पहले आर के धवन के पार्थिव शरीर को फूलों से लदे एंबुलेंस में रखकर अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। जहां यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
कांग्रेस मुख्याल में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के श्रद्धांजलि देने के बाद धवन का पार्थिव शरीर लोदी श्मशान घाट ले जाया गया, जहां उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई।
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
धवन के निधन से कांग्रेस में शोक की लहर है। सोमवार को धवन के निधन की खबर आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दुख जताया था। उन्होंने कहा कि धवन के निधन से पार्टी को अपूर्णिय क्षति हुई है। आर के धवन को मैं अपने बचपन से जानता हूं और वह कांग्रेस परिवार के महत्वपूर्ण और वरिष्ठ सदस्य थे। उनके निधन ने कांग्रेस परिवार में शून्य पैदा कर दिया है। सभी उन्हें प्रेम और सम्मान करते थे और उनके प्रशंसक थे। मैं इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं।’’
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आरके धवन के निधन पर दुख जाहिर किया है। सोनिया गांधी ने कहा कि धवन के जाने से पार्टी और देश को बड़ा नुकसान है। कांग्रेस हमेशा उनके योगदान को याद करेगी। इसके अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने धवन के निधन पर दुख जताया और परिवार के प्रति संत्वाना जताई है।
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
राज्यसभा सांसद रह चुके आर के धवन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे थे। वह 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के समय उनके साथ मौजूद थे और वह उस घटना के प्रत्यक्षदर्शी भी थे। आर के धवन की शुरुआती पढ़ाई देहरादून और फिर बनारस हिदू विश्वविद्धालय (बीएचयू) से हुई थी। उन्होंने काफी देर से साल 2012 में 74 साल की उम्र में शादी की थी। वह अक्सर कहा करते थे कि वह कांग्रेस और गांधी परिवार के सच्चे सेवक थे, इसलिए उन्होंने निष्ठापूर्वक सेवा में पूरी जिंदगी बिताने का निर्णय लिया था।
Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST
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Published: 08 Aug 2018, 8:15 PM IST