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देश के नाम लालू यादव का भावुक खत, कहा- मैं कैद में हूं, मेरे विचार नहीं

लालू यादव ने ट्विटर पर लिखा, “44 वर्षों में पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं। चुनावी उत्सव में आप सबके दर्शन नहीं होने का अफसोस है। जेल से ही आप सबके नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइएगा। जय हिंद, जय भारत।”

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। 44 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब देश में लोकसभा चुनाव लालू यादव की गैर मौजूदगी में हो रहे हैं। रांची के रिम्स में इलाज करा रहे लालू यादव ने इस बार लोकसभा चुनावों में शामिल न हो पाने को लेकर दुःख व्यक्त करते हुए एक भावुक खत लिखा है।

इस भावुक खत को अपने ट्विटर पर साझा करते हुए लालू यादव ने कहा, “44 वर्षों में पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं। चुनावी उत्सव में आप सबके दर्शन नहीं होने का अफसोस है। आपकी कमी खल रही है इसलिए जेल से ही आप सबके नाम पत्र लिखा है। आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइएगा। जय हिंद, जय भारत।”

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अस्पताल से देश के लोगों के लिए लिखे खत में लालू ने कहा, “इस वक्त जब बिहार एक नई गाथा लिखने जा रहा है, लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है, यहां रांची के अस्पताल में अकेले बैठकर सोच रहा हूं कि क्या विध्वंसकारी शक्तियां मुझे इस तरह कैद कराके बिहार में फिर किसी षड्यंत्र की पटकथा लिखने में सफल हो पाएंगी? मेरे रहते मेरे बिहारवासियों के साथ फिर मैं धोखा नहीं होने दूंगा। मैं कैद में हूं, मेरे विचार नहीं। अपने विचारों को आपसे साझा कर रहा हूं क्योंकि एक-दूसरे से विचारों को साझा करके ही हम इन बांटने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ सकते हैं।”

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लालू यादव ने लिखा, “जैसे गांधी जी ने ललकार कर अंग्रेजों को भारत छोड़ो कहने के बाद करो या मरो का नारा दिया था वैसे ही यह लड़ाई भी देश तोड़ने वालों के खिलाफ है। संविधान में दिए हक की हिफाजत की लड़ाई है। आरक्षण और संविधान विरोधी नरेंद्र मोदी को खदेड़ने की लड़ाई में करो या मरो वाले जज्बे की जरूरत है।”

लालू यादव ने कहा, “हर आदमी को लालू यादव बनना होगा। उसकी तरह डटना होगा, लालू यादव की तरह लड़ना होगा। सामने चाहे कितनी भी मुश्किल हो, डर और धमकी हो, खतरा हो लालच हो, खतरा हो, डंट कर लड़ना होगा और गरीब-गुरबों की मान प्रतिष्ठा बचानी होगी।”

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इस चुनाव को सरकार और गद्दार की पहचान करने वाला बताते हुए लालू ने लिखा, “इस बार वाला चुनाव सरकार और गद्दार दोनों को पहचाने का है। अगर चूक गए तो हमेशा के लिए चूक जाइएगा। हमारे गरीब-गुरबा लोग जो मंडल जी, कुशवाहा जी, यादव जी, बिन्द जी, साहनी जी, पासवान जी, मांझी जी या राम जी कहाने लगे थे वो फिर से अशोभनीय जाति सूचक नामों से पुकारे जाएंगे।”

बता दें कि चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे लालू यादव ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए झारखंड हाई कोर्ट से जमानत की अपील की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को झटका देते हुए बुधवार को उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था। 1984 के बाद ये पहला ऐसा मौका है जब लालू यादव लोकसभा चुनाव के घमासान से दूर हैं।

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