उत्तर प्रदेश में बुधवार की रात को जन्माष्टमी के अवसर पर लाखों घरों में अचानक बिजली चले जाने की घटना की ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। कई शहरों में लगाए गए हजारों स्मार्ट मीटरों ने उन उपभोक्ताओं की भी बिजली आपूर्ति रोक दी, जिन्होंने अपने बिलों का भुगतान कर दिया था। मंत्री ने कहा, "अगर जरूरत पड़ी तो लखनऊ में यूपीपीसीएल मुख्यालय पर नियंत्रण और कमांड सेंटर को गलत तरीके से नियंत्रित करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।"
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त्योहार के दौरान आपूर्ति की जल्द बहाली सुनिश्चित करने के लिए मंत्री मरम्मत कार्य की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं को हुई असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया। एनर्जी इफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के निदेशक, वेंकटेश द्विवेदी ने ट्वीट किया कि ईईएसएल और एलएंडटी के राज्य प्रमुखों को अपने काम में लापरवाही बरतने को लेकर निलंबित किया गया है।
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भारत सरकार की कंपनी ईईएसएल पर स्मार्ट मीटरों की स्थापना और रखरखाव की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि बुधवार की शाम को जब लोग जन्माष्टमी मनाने में व्यस्त थे, तभी लखनऊ सहित कई शहरों में लाखों घरों की बिजली चली गई। वहीं स्मार्ट मीटरों पर बिजली कटने की वजह 'मासिक भुगतान न होने के कारण कटौती' प्रदर्शित हो रहा था।
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कई घरेलू उपभोक्ताओं ने कहा कि समय से काफी पहले बिजली बिल का भुगतान करने के बाद भी कटौती हुई। उन्होंने कहा, "विभाग के पास गुरुवार सुबह 11 बजे से पहले बिजली काटने की प्रक्रिया शुरू करने का कोई अधिकार नहीं।" विभिन्न शहरों में अचानक बिजली कटने पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कार्यालयों को फोन के माध्यम से उपभोक्ताओं की शिकायतें मिलने लगीं।
यूपीपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य मंत्री श्रीकांत शर्मा को इस बारे में सतर्क किया। इसके बाद उन्होंने त्योहार के दिन स्मार्ट मीटरों द्वारा आपूर्ति बाधित किए जाने की परिस्थितियों की जांच के लिए अध्यक्ष अरविंद कुमार को एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने को कहा है।
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