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लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले जानें मतगणना की पूरी प्रक्रिया

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे कल घोषित होंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है। आइए इस प्रक्रिया पर एक संक्षिप्त नजर डालते हैं।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

अठारहवीं लोकसभा के लिए संपन्न मतदान के बाद मंगलवार को मतों की गिनती की जाएगी। यहां इस प्रक्रिया पर एक संक्षिप्त नजर डालते हैं:-

* निर्वाचन संचालन नियमावली 1961 के नियम 54ए के तहत निर्वाचन अधिकारी (आरओ) की टेबल पर सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाती है।

* केवल उन्हीं डाक मत्रों की गिनती होगी जो आरओ के पास मतों की गिनती शुरू होने की तय समय सीमा से पहले चुके हैं।

*डाक मत पत्रों की गिनती शुरू होने के 30 मिनट के बाद ईवीएम के जरिये डाले गए मतों की गिनती शुरू की जानी चाहिए।

* अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में कोई डाक मतपत्र नहीं है तो ईवीएम के जरिये डाले गए मतों की गिनती शुरू की जा सकती है।

* मतगणना केंद्र पर मतों की गिनती के लिए फॉर्म 17सी के साथ ईवीएम की केवल कंट्रोल यूनिट (सीयू) का इस्तेमाल किया जाता है।

* ईवीएम के सीयू से परिणाम सुनिश्चित करने से पहले, मतगणना अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उन पर लगी पेपर सील बरकरार है और डाले गए कुल मत फॉर्म 17सी में उल्लिखित मतों से मेल खाते हैं।

*सीयू का परिणाम, गणना पर्यवेक्षक, सूक्ष्म पर्यवेक्षक और अभ्यर्थियों के गणना एजेंटों को दिखाने के बाद, फार्म 17सी के भाग-II में दर्ज किया जाएगा।

* सीयू में नतीजे प्रदर्शित नहीं होने की स्थिति में सभी सीयू में दर्ज मतों की गिनती के बाद संबंधित सीयू के वीवीपैट की पर्ची की गिनती की जाएगी।

* प्रत्येक सीयू का उम्मीदवार वार परिणाम फार्म 17सी के भाग II में दर्ज किया जाएगा तथा मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना टेबल पर उपस्थित उम्मीदवारों के मतगणना एजेंट द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

* प्रत्येक मतदान केन्द्र का फार्म 17सी उस अधिकारी को भेजा जाना चाहिए जो फार्म 20 में अंतिम परिणाम पत्रक संकलित कर रहा है।

* वीवीपैट पर्चियों की गिनती सीयू में दर्ज मतों की गिनती पूरी होने के बाद की जानी चाहिए।

* वीवीपैट से अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया के तहत संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से यादृच्छिकता के आधार पर पांच मतदान केंद्रों को चुना जाएगा और यह मतों की गिनती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी।

* अगर जीत का अंतर अस्वीकृत डाक मतपत्रों से कम है तो उस स्थिति में अंतिम नतीजे घोषित किए जाने से पहले खारिज किए डाक मतपत्रों को अनिवार्य रूप से दोबारा सत्यापित किया जाएगा।

*अगर शीर्ष दो उम्मीदवारों को समान मत मिलते हैं तो उस स्थिति में नतीजे लॉटरी के आधार पर घोषित किए जाएंगे।

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