5 हजार की आबादी वाले मालदा के सैय्यदपुर गांव में चारों तरफ मातम पसरा है और ऐसा लग रहा है कि जैसे पूरा गांव अफराजुल के घर पर इकट्ठा हो गया है। अफराजुल के घर हर आने वाला व्यक्ति यही सवाल कर रहा है कि ‘अफराजुल के साथ ऐसा क्यों हुआ, अब उनके बच्चों का क्या होगा?’ गम और गुस्से के साथ लोग बार-बार यही कह रहे हैं कि अफराजुल बहुत अच्छे आदमी थे। मालदा के रहने वाले और नॉर्थ बंगाल फेडरेशन ऑफ माइनॉरिटी एजुकेशन ट्रस्ट से जुड़े मुबारक हुसैन 25 किलोमीटर का सफर तय कर के सैय्यदपुर गांव पहुंचे तो उन्होंने ये मंजर देखा। मुबारक का कहना है कि अफराजुल गरीब मजदूर थे, जो मजदूरी करने के लिए राजस्थान गए थे।
अफराजुल दूसरे मजदूरों को मालदा से राजस्थान भी ले जाते थे। वह वहां बिल्डिंग बनवाने का काम करते थे। काफी दिनों से वह वहीं रह रहे थे। अफराजुल का उनको मारने वाले के घर आना-जाना भी था। आरोपी शंभूलाल को ये शक हो गया था कि अफराजुल का उसकी बहन के साथ संबंध है। ये बात कुछ लोगों ने उसके मन में डाल दी थी। आरोपी शंभूलाल ने अफराजुल का कत्ल कैसे किया? मुबारक का कहना है, “ वह अफराजुल के पास गया और बोला कि कुछ काम है, उसे देख ले और बताए कि उसे कैसे करना है। ये कहकर वह उन्हें साथ ले गया और दूर ले जाकर उस पर पीछे से हमला कर दिया। और बाकी तो सब वीडियो में है ही।’’
मुबारक ने बताया कि अफराजुल के परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा कि अचानक ये सब कैसे हो गया। अफराजुल की पत्नी गुलबहार ने कहा, “दोपहर 3 बजे राजस्थान पुलिस के एक फोन ने हमारा सबकुछ बर्बाद कर दिया। पुलिस ने फोन कर बताया कि मेरे पति की हत्या कर दी गई है। जिसने मेरे पति की बेरहमी से हत्या की और उसका वीडियो बनाकर पूरी दुनिया में भेजा, उसके साथ भी ऐसा ही होना चाहिए। मुझे इंसाफ चाहिए।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 दिसंबर को कहा कि उनकी सरकार अफराजुल के परिवार को 3 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी।
अफराजुल के करीबी रिश्तेदारों के मुताबिक, वे 12 सालों से राजस्थान में मजदूरी कर रहे थे और दो महीने पहले ही अपने घर वालों से मिलने गांव आए थे। तीन बच्चियों के पिता अफराजुल अपनी तीसरी बेटी की शादी की तैयारी कर रहे थे। मृतक अफराजुल की बेटी रजीना खातुन पिता कि हत्या के बाद से सदमे में है। उसने कहा, “मैंने वीडियो में अपने पिता की चीखें सुनी हैं, मुझे इंसाफ चाहिए, इन दरिंदों का इससे भी बुरा हाल होना चाहिए। मेरे पिता रोज घर पर फोन करते थे। हम लोगों को नहीं पता ‘लव जिहाद’ क्या होता है।” अफराजुल के पड़ोसी जावेद चौधरी ने बताया, ‘’वे खुदा से डरने वाले शख्स थे, उनके बीवी-बच्चे हैं। उनकी बेटियों के भी बच्चे हैं। उनके साथ ऐसा क्यों किया गया?”
आरोपी शंभूलाल की पत्नी सीता के पास कोई जवाब नहीं है। वह भी समझ नहीं पा रही है कि उसके पति ने ऐसा क्यों किया। लेकिन वह अलग-अलग बयान देकर कहीं न कहीं अपने पति को बचाने की कोशिश कर रही है। शंभूलाल की पत्नी ने कहा कि उसका पति नशा करता है। जबकि पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं लगता कि आरोपी नशा करता है। सीता ने अपने पति के बारे में ये भी कहा कि वह मानसिक तौर पर बीमार है। लेकिन राजस्थान पुलिस के आईजी ने कहा कि ऐसा यकीन करने की कोई वजह नजर नहीं आती। वारदात को अंजाम देने के बाद शंभूलाल अपने भतीजे और 12 साल की बच्ची को लेकर फरार हो गया था। उसे बाद में उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद शंभूलाल ने मीडिया से कहा, “अफराजुल मेरी कॉलोनी की एक लड़की को ले गया था, जिसे बाद में मैं वापस ले कर आया था। उस वक्त से मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। मुझे इसका डर था इसलिए मैंने अफराजुल को मार दिया।”
लेकिन अफराजुल को मारकर उनकी हत्या का वीडियो बनाना और उसे सोशल मीडिया पर डालने की कार्रवाई क्रूरता ही एक ऐसी कहानी है जिसका शंभूलाल के बयान से शायद ही कोई लेना-देना हो सकता है।
Published: 09 Dec 2017, 10:37 AM IST
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Published: 09 Dec 2017, 10:37 AM IST