केरल के वायनाड में हुए हादसे को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार को भारी बारिश के कारण वायनाड में प्राकृतिक आपदा के बारे में 23 जुलाई को ही चेतावनी दे दी गई थी।
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विजयन ने कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जिले के लिए केवल ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था। हालांकि, जिले में 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जो आईएमडी द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान से बहुत अधिक थी।
विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था।’’
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह ‘‘दोषारोपण’’ का समय नहीं है और वह शाह की टिप्पणियों को प्रतिकूल रूप से नहीं ले रहे हैं।
मौसम विभाग 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक बारिश होने तथा भारी से अत्यधिक भारी बारिश के लिये ‘रेड अलर्ट’ जारी करता है, जबकि ‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब बहुत भारी बारिश (6 सेमी से 20 सेमी) है।
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इससे पहले, शाह ने राज्यसभा में दावा किया कि केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की बटालियन के पहुंचने पर भी सतर्क नहीं हुई।
शाह ने कहा कि 30 जुलाई को भूस्खलन से सात दिन पहले ही राज्य को चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई को भी एक और चेतावनी दी गई थी।
गृह मंत्री ने दावा किया कि अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीम के वहां पहुंचते ही सतर्क हो गई होती और कार्रवाई की होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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