कठुआ और उन्नाव रेप कांड को लेकर लोगों में भारी रोष और विपक्ष के हमलावर रुख से चौतरफा घिरने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी है। पीएम मोदी ने दिल्ली में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर हो रहे एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में अपने भाषण में कठुवा और उन्नाव की घटना का नाम लिए बिना अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अपने भाषण में उन्नाव और कठुवा की घटना की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दिनों से जिन घटनाओं पर चर्चा हो रही है, वैसी घटनाएं किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकती हैं। पीएम मोदी ने कहा, “एक देश और समाज के तौर पर हम शर्मिंदा हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इन मामलों में न्याय जरूर मिलेगा।” पीएम ने कहा कि हमारी बेटियों को इंसाफ जरूर मिलेगा।
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पीएम मोदी ने अपने भाषण में उन्नाव और कठुवा के साथ ही एससी-एसटी एक्ट विवाद पर भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रतिक्रिया दी है। लेकिन पीएम की इस प्रतिक्रिया की भाषा और उनकी भाव भंगिमा को देखें तो इसमें उनकी हताशा कहीं ज्यादा नजर आ रही है। अपने भाषण में पीएम मोदी ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर कहा, “कांग्रेस ने इतिहास से बाबा साहेब का नाम मिटाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं एक भी काम बताने की, जो उन्होंने बाबा साहेब के लिए किया हो।”
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वहीं, कठुवा और उन्नाव की घटना में अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा आरोपियों को बचाने की कोशिश से बैकफुट पर आई बीजेपी ने भी शुक्रवार के दिन में सफाई देने की कोशिश की। इसके लिए बीजेपी ने अपनी पार्टी की महिला सांसद मीनाक्षी लेखी और महिला मंत्री स्मृति ईरानी को लगाया। लेकिन इस सफाई में भी बीजेपी नेताओं ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार करते हुए अपनी सरकारों की नाकामी पर पर्दी डालने की कोशिश की और आरोपियों का बचाव किया।
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