कैराना लोकसभा उपचुनाव अब एक सामान्य लोकसभा का चुनाव नहीं रह गया है। यह चुनाव अब विपक्षी एकता का प्रयोगशाला बन गया है। लगभग पूरा विपक्ष यहां पर बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित नौजवानों के बीच मजबूत पकड़ रखने वाली भीम आर्मी ने भी शुक्रवार को संयुक्त विपक्षी गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
भीम आर्मी के सुप्रीमो चंद्रशेखर रावण ने जेल से एक पत्र जारी किया है, जिसमें केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर दलितों के विरुद्ध अत्याचार करने और उनकी सुनवाई न करने का आरोप लगाते हुए देशहित में बीजेपी को हराने की अपील की गई है। इस पत्र में उन्होंने अपने समाज और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वो पूरी ऊर्जा के साथ गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन को जिताने के लिए मतदान करें।
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तबस्सुम हसन कैराना लोकसभा सीट से रालोद के चुनाव चिन्ह्न पर चुनाव लड़ रही हैं, जिसे सभी बीजेपी विरोधी राजनितिक दलों का समर्थन प्राप्त है। तबस्सुम के पुत्र नाहिद हसन समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग ढाई लाख दलित वोटर हैं। कर्नाटक में सभी विपक्षी पार्टियों के एक मंच पर आने के बाद कैराना में भी उसका असर देखने को मिल रहा है। एक दिन पहले तबस्सुम हसन के देवर कंवर हसन ने भी आपसी मतभेद खत्म कर चुनाव में उनका समर्थन करने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद गठबंधन प्रत्याशी के लिए यह दूसरी राहत की खबर है।
भीम आर्मी के नगर अध्यक्ष प्रवीण गौतम ने नवजीवन को बताया कि अब तबस्सुम हसन की जीत के लिए दलित समुदाय के बीच घर-घर जाकर प्रचार किया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “बीजेपी सरकार में दलित समाज पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कैराना से बीजेपी प्रत्याशी की हार एक बड़ा संदेश देगी। अब भाई चन्द्रशेखर का आदेश मिल गया है, जिसकी हम प्रतीक्षा कर रहे थे।”
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प्रवीण गौतम ने बताया कि जेल से लिखे अपने पत्र में चन्द्रशेखर ने लिखा है, “मैं चन्द्रशेखर आजाद व्यक्तिगत रूप से महागठबंधन के प्रत्याशी का पूर्ण समर्थन करता हूं और बहुजन समाज से यह निवेदन करता हूं कि एकजुट होकर गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने का काम करें। आशा करता हूं कि आप सभी इसमें सहयोग करेंगे।” चन्द्रशेखर के पत्र में देशभर में हो रहे दलितों पर अत्याचार का बदला वोट की ताकत से लेने की अपील की गयी है।
प्रवीण गौतम के मुताबिक भीम आर्मी प्रमुख का आदेश मिलने के बाद कार्यकर्ता अपने काम में जुट गए हैं। पहले चंद्रशेखर आजाद के भी कैराना से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, जिसका बाद में खंडन किया गया था। कैराना लोकसभा में सहारनपुर जनपद की दो विधानसभा नकुड़ और गंगोह भी आती हैं। इन दोनों ही जगहों पर भीम आर्मी का गहरा प्रभाव है।
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